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    कांग्रेस विधायक और बेटे को भगोड़ा घोषित करने की याचिका पर सुनवाई करेगा कोर्ट, ईडी ने सिकंदर को किया था गिरफ्तार

    हरियाणा में Congress विधायक और उनके बेटे को भगोड़ा घोषित करने की ED की याचिका पर कोर्ट सुनवाई करेगा। इस मामले में ईडी ने विधायक के एक बेटे को गिरफ्तार किया था। हालांकि इस मामले में विधायक के दोनों बेटे आरोपित थे। फिलहाल इस मामले में की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाष महला की अदालत में चल रही है। पढ़िए आखिर कांग्रेस विधायक को लेकर पूरा मामला क्या है।

    By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Fri, 12 Jul 2024 03:26 PM (IST)
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    कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर के मामले में कोर्ट सुनवाई करेगा।

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। पानीपत के समालखा से Congress विधायक धर्म सिंह छौक्कर और उनके बेटे विकास को भगोड़ा घोषित करने की ईडी (ED) की याचिका पर अदालत सुनवाई करेगा। इस मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाष महला की अदालत में चल रही है।

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    28 मई को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने माना था कि आरोपितों के विरुद्ध अरेस्ट वारंट जारी होने पर उनको अदालत में पेश करने के लिए ईडी ने कोई प्रयास नहीं किया था।

    वहीं, शुक्रवार को मामले की सुनवाई में ईडी बताएगी कि उन्होंने आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए क्या-क्या किया है। इस मामले में विधायक के दोनों बेटे आरोपित थे। विधायक के बेटे सिकंदर को ईडी ने 30 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था।

    MLA और उनके बेटे के खिलाफ जारी हुआ था गैर जमानती वारंट

    माहिरा होम्स में निवेशकों के 300 करोड़ रुपये से अधिक और फर्जी बैंक गारंटी से लाइसेंस लेने के मामले में आरोपित कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर और बेटे विकास छौक्कर की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

    जिला अदालत ने ईडी की तरफ से दायर की गई याचिका में अदालत ने विधायक और उसके बेटे के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिए थे।

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    यह आदेश जिला सत्र एवं न्यायाधीश व सह विशेष न्यायाधीश सुभाष मैहला की अदालत ने दिया है। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जिला अदालत से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि अदालत में उन्होंने दलील दी कि आरोपितों से पूछताछ करना जरूरी है। जांच में ही पूरे ही मामले का खुलासा हो सकेगा।

    याचिका में की गई है ये मांग

    अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने एवं लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग भी की गई है।

    इसमें सुप्रीम कोर्ट से राज्यों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी धार्मिक या अन्य आयोजन के आयोजन में जनता की सुरक्षा के लिए भगदड़ या अन्य घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करें।

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