अब नहीं गिराए जाएंगे आशियाना स्कीम के तहत 2010 में बने 1088 फ्लैट, रेनोवेट कर आवंटित करने का फैसला
सेक्टर-47 में 2010 में बनी आशियाना योजना के 1088 फ्लैटों को अब तोड़ा नहीं जाएगा। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने नवीनीकरण के बाद योग्य लाभार्थियों को आवंटित करने का निर्णय लिया है जिसके लिए 8.81 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। रखरखाव के अभाव में फ्लैट क्षतिग्रस्त हो गए थे। शिकायत के बाद सरकार ने इन्हें बचाने का फैसला किया।

संवाद सहयोगी. नया गुरुग्राम। वर्ष 2010 में सेक्टर-47 में आशियाना स्कीम के तहत बीपीएल और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए बनाए गए 1088 फ्लैट अब नहीं गिराए जाएंगे। इन फ्लैट्स का रेनोवेशन कर पात्र लाभार्थियों को आवंटित किया जाएगा।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) ने इसके लिए 8.81 करोड़ रुपये की तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी है और 150 दिनों के भीतर कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
बता दें कि एचएसवीपी ने वर्ष 2010 में लगभग 14 एकड़ भूमि पर करीब 42 करोड़ रुपये की लागत से ये फ्लैट तैयार किए थे। उस समय योजना का उद्देश्य गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आवास उपलब्ध कराना था।
लेकिन, आवंटन प्रक्रिया वर्षों तक लंबित रही, जिससे इनकी हालत बिगड़ती चली गई। रखरखाव न होने के कारण कई फ्लैट क्षतिग्रस्त हो गए और सीलन, टूट-फूट तथा अन्य स्ट्रक्चरल कमियां सामने आईं।
शिकायत के बाद हुआ संज्ञान
मामले की जानकारी मिलने पर मानव आवाज संस्था के संयोजक व एडवोकेट अभय जैन ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी। कहा गया कि फ्लैट्स का आवंटन न होने से बेकार पड़े हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और राज्य सरकार ने संज्ञान लिया और एचएसवीपी से रिपोर्ट मांगी।
अभय जैन ने दावा किया कि पहले इन फ्लैट्स को ध्वस्त करने और भूमि का अन्य उपयोग करने पर विचार किया जा रहा था, लेकिन शिकायत और समीक्षा के बाद सरकार ने इन्हें बचाने और रेनोवेट कर आवंटित करने का फैसला लिया गया।
इन फ्लैट्स का निर्माण गरीबों के लिए हुआ था, लेकिन वर्षों तक आवंटन न होने के कारण स्ट्रक्चर को नुकसान हुआ। अब सरकार ने रेनोवेशन के बाद आवंटित करने का जो निर्णय लिया है, वह सही कदम है।
रेनोवेशन के बाद आवंटन
एचएसवीपी डिवीजन-2 पंचकूला से जारी पत्र के अनुसार फ्लैट्स का कार्य स्पेशल रिपेयर के तहत होगा। इसमें दीवारों, फर्श, पाइपलाइन, बिजली फिटिंग और सीवरेज व्यवस्था की मरम्मत शामिल है। कार्य पूरा होते ही आवंटन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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