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    अप्पू घर समूह की 120.98 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क, ED ने की बड़ी कार्रवाई

    Updated: Thu, 26 Dec 2024 08:55 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड एम्यूजमेंट लिमिटेड की 120.98 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह कंपनी अप्पू घर समूह से संबंधित है और वर्तमान में दिवालिया है। कार्रवाई मंगलवार को की गई। कुर्क की गई संपत्तियों में सेक्टर 29 गुरुग्राम में 25 एकड़ भूमि और सेक्टर 52ए में 17 एकड़ भूमि शामिल हैं।

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    ईडी ने अप्पू घर समूह की 120.98 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं। जागरण

    गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड एम्यूजमेंट लिमिटेड की 120.98 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है।

    यह कंपनी अप्पू घर समूह से संबंधित है और वर्तमान में दिवालिया है। कार्रवाई मंगलवार को की गई। कुर्क की गई संपत्तियों में सेक्टर 29 गुरुग्राम में 25 एकड़ भूमि और सेक्टर 52ए में 17 एकड़ भूमि शामिल हैं। इन जमीनों पर स्थित अधूरे निर्माण कार्य भी इस कार्रवाई का हिस्सा हैं।

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    ईडी ने अपनी जांच गुरुग्राम पुलिस द्वारा मैसर्स इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड एम्यूजमेंट लिमिटेड, इसके प्रमोटर राकेश बब्बर, ज्ञान विजेश्वर, रॉबिन विजेश्वर और अन्य संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू की।

    इन पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप हैं। जांच में सामने आया कि कंपनी ने करीब 1500 निवेशकों से 400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई थी। निवेशकों को सेक्टर 29 और सेक्टर 52ए, गुरुग्राम में रिटेल शॉप/वर्चुअल स्पेस आवंटित करने का वादा किया गया था।

    लेकिन कंपनी अपने वादे पूरे करने में असफल रही और समय सीमा भी पार कर दी। साथ ही निवेशकों को मासिक रिटर्न देने का आश्वासन भी पूरा नहीं किया गया। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि प्रमोटरों ने निवेशकों के फंड का दुरुपयोग किया और इसे अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग किया।

    प्रमोटर निदेशकों ने ईओडी (खरीददार संस्था) के साथ पीछे की तारीखों में समझौते किए ताकि इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड एम्यूजमेंट लिमिटेड की बैलेंस शीट से व्यापारिक एडवांस हटा दिया जाए। इससे निदेशक अपनी जिम्मेदारियों से बचने में सफल रहे।

    पीएमएलए जांच में यह भी पाया गया कि आईबीबीआई (दिवाला और दिवालियापन बोर्ड) की अनुशासनात्मक समिति ने गंभीर आरोपों के चलते समाधान पेशेवर (रेजोल्यूशन प्रोफेशनल) को निलंबित कर दिया। छह साल बाद भी दिवालियापन प्रक्रिया में कोई समाधान योजना नहीं लाई गई है जिससे निवेशकों के हितों को भारी नुकसान हुआ।

    इससे पहले 28 मई 2024 को ईडी ने 291.31 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की थीं जिसे पीएमएलए के न्यायिक प्राधिकरण ने पुष्टि की थी। इस मामले में अब तक कुल कुर्की का मूल्य लगभग 412.29 करोड़ रुपये हो चुका है।