Operation Sindoor: 'अब सौ बार सोचेगा पाकिस्तान', सीजफायर से पहले भारत ने कर दिया बड़ा काम
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर सहमति बनने पर एयर वाइस मार्शल (रिटा.) एके सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत का बड़ा कदम बताते हुए कहा कि अब पाकिस्तान भविष्य में नापाक हरकत करने से पहले सौ बार सोचेगा। ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य आतंकियों के कैंपों को ध्वस्त करना ही था जो काम सीजफायर के एलान से पहले हो चुका था।

आदित्य राज, गुरुग्राम। एयर वाइस मार्शल (रिटा.) एके सिंह का कहना है कि सीजफायर से पहले भारत ने अपना काम कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य ही आतंकियों को कैंपों को ध्वस्त करना था। इस काम में सौ फीसद सफलता हासिल हो गई। आतंकियों की कमर भारतीय सेना ने तोड़ दी।
एके सिंह ने कहा कि यही नहीं आतंकियों के जनाजे में शामिल होकर पाकिस्तान ने स्वयं ही पूरी दुनिया के सामने अपने आपको बेनकाब कर दिया। भारत का ऑपरेशन सौ फीसद सफल रहा। सीजफायर की घोषणा यह दर्शाती है कि पाकिस्तान ने भारत के सामने सरेंडर कर दिया।
देश के असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (वेपंस) रहे एके सिंह ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन हमले को रोकने के लिए भारत ने एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया। यह उम्मीद से काफी बेहतर दिखा। सिस्टम की वजह से पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों का कोई असर नहीं हुआ।
अभेद्य सुरक्षा तंत्र साबित हुआ एयर डिफेंस सिस्टम
उन्होंने कहा कि देश का एयर डिफेंस सिस्टम अभेद्य सुरक्षा तंत्र साबित हुआ है। इससे पाकिस्तान के होश उड़ गए हैं। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि करें तो क्या करें? उसके ड्रोन खिलौने साबित हो रहे थे। भारत ने तो कार्रवाई शुरू ही नहीं की थी। केवल पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे हमलों का थोड़ा-बहुत जवाब दिया जा रहा था।
एयर वाइस मार्शल (रिटा.) एके सिंह। फोटो- जागरण
'15 दिन के भीतर घुटने टेक देता पाकिस्तान'
सिंह ने कहा कि जब ऑपरेशन होता तो पाकिस्तान 15 दिन के भीतर ही घुटने टेक देता। पूरी दुनिया में भारत की पहचान आगे बढ़कर युद्ध करने की नहीं रही है। हमने तभी युद्ध किया है जब थोपा गया है। इस पहचान को भारत खत्म नहीं करना चाहता। इस वजह से ही भारत धैर्य से जवाब दे रहा था।
भारत की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 100 किलोमीटर दूर आतंकी कैंपों को नष्ट कर दिया गया। नष्ट करने के दौरान आम लोगों का किसी भी प्रकार का नुकसान न होना, यह दर्शाता है कि भारत कितना जिम्मेदार राष्ट्र है। पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था। उसके बदले में हमने आतंकियों के कैंपों को नष्ट किया।
किसी भी क्षेत्र में भारत से मुकाबला नहीं
उन्होंने कहा कि हर बार पाकिस्तान की बुरी तरह हार हुई है। 1965, 1971 की लड़ाई के साथ ही कारगिल युद्ध भी उसे याद है। किसी भी स्तर पर वह कभी टिका ही नहीं। कुछ ताकत उसकी बढ़ी है, लेकिन भारत के मुकाबले कुछ भी नहीं है। सीधी लड़ाई में 15 दिन से अधिक पाकिस्तान नहीं टिक सकता। इसे ध्यान में रखकर उसने सीजफायर की तरफ कदम बढ़ाया है।
सिंह कहा कि भारत को जो करना था, वह कर दिया। आतंकी कैंपों को नष्ट करना भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इतना बड़ा नुकसान पाकिस्तान को हो चुका है कि उसकी भरपाई करना उसके लिए संभव नहीं। आतंकियों की बदौलत ही वह भारत में छोटी-मोटी हरकत करता रहता था। अब हरकत करने से पहले सोचना पड़ेगा।
पाकिस्तान का एकजुट रहना मुश्किल
एके सिंह ने कहा कि आतंकियों की कमर टूटने से पाकिस्तान का एकजुट रहना मुश्किल है। वह कश्मीर को अशांत बताकर अपने लोगों को एकजुट रखने का प्रयास करता है। पहलगाम हमले के बाद कश्मीर के लोगों ने जिस एकजुटता का परिचय दिया है, वह अकल्पनीय है। इससे पाकिस्तान को काफी निराशा हुई है।
उन्होंने कहा कि पाक आर्मी चीफ ने जो बयान दिया था, उसका उद्देश्य था हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव पैदा करना। इसमें वह कामयाब नहीं हुआ। पहलगाम हमले के बाद कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के लोगों ने एकजुटता का परिचय दिया। यही अपने देश की मूल ताकत है। यह ताकत पाकिस्तान के पास नहीं। आज नहीं तो कल ब्लूचिस्तान नया देश बनकर सामने आएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।