1962, 65 और 71 युद्ध के वीर मेजर जनरल केदारनाथ सिंह का निधन, युवाओं को देते थे राष्ट्रप्रेम का संदेश
1962, 1965 और 1971 के युद्धों के वीर योद्धा, मेजर जनरल केदारनाथ सिंह का निधन हो गया। वे युवाओं को राष्ट्रप्रेम का संदेश देते थे और उन्हें देश के लिए समर्पित रहने की प्रेरणा देते थे। उनका जीवन देश सेवा में बीता और वे हमेशा युवाओं के प्रेरणा स्रोत बने रहे। उनके निधन से देश को एक अपूरणीय क्षति हुई है।

वर्ष 1962, 1965 एवं 1971 युद्ध के साथ ही श्रीलंका ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाले मेजर जनरल केदारनाथ सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। वर्ष 1962, 1965 एवं 1971 युद्ध के साथ ही श्रीलंका ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाले मेजर जनरल केदारनाथ सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने सेक्टर-22 स्थित निवास स्थान पर अंतिम सांस ली। वह पिछले कई वर्षों से गुरुग्राम में ही परिवार सहित रह रहे थे। उनका अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार दोपहर दिल्ली में बरार स्क्वायर श्मशान घाट पर किया गया। वे मूलत: से बिहार के पटना जिले के गांव खाजपुरा के रहने वाले थे।
उनके बेटे साकेत सिंह नौसेना से सेवानिवृत कमांडर हैं। साकेत सिंह ने बताया कि उनके पिता पिछले साल तक सक्रिय थे। रेजांग-ला युद्ध स्मारक पर आयोजित किसी भी समारोह में वह पहुंचने का हरसंभव प्रयास करते थे। उनकी प्रेरणा से ही वह भी सेना में शामिल हुए। वह हर पल देश की सुरक्षा की ही बात किया करते थे।
रेजांग-ला युद्ध स्मारक के संयोजक डाॅ. टीसी राव कहते हैं कि मेजर जनरल केदारनाथ सिंह के आते ही किसी भी समारोह का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच जाता था। वह लोगों में काफी उत्साह भर देते थे। उनके एक-एक शब्द राष्ट्र प्रथम का संदेश देते थे। वह इस उम्र में भी बैठकर बोलना नहीं चाहते थे। युवाओं से संवाद करना उन्हें अच्छा लगता था। कहते थे कि युवाओं के भीतर राष्ट्र प्रथम की भावना जब तक जागृत रहेगी, तब तक इस देश की तरफ कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता।

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