प्रदूषण से बचने का अनोखा जुगाड़: गुरुग्राम में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी बना सड़कों का 'स्प्रिंकलर हीरो'
गुरुग्राम में प्रदूषण से निपटने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का उपयोग सड़कों पर छिड़काव के लिए किया जा रहा है। इस पहल से पानी का पुन: उपयोग हो रहा है और धूल के कण कम हो रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण नियंत्रित हो रहा है। यह पर्यावरण के लिए एक लाभकारी कदम है।

सोसायटी के सामने की सड़क पर स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के लिए खंभों पर बिछाई गई पाइप लाइन।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। जहां एक ओर शहर में बढ़ते प्रदूषण से लोग परेशान हैं, वहीं राइजिंग होम्स सोसायटी सेक्टर-92 की आरडब्ल्यूए ने इसका अनोखा समाधान निकाला है। सोसायटी प्रबंधन ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए अपने एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के शोधित पानी का उपयोग सड़क और हरियाली बनाए रखने में शुरू किया है।
यह पहल न केवल धूल और स्मॉग को कम कर रही है बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी उदाहरण बन रही है।
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष प्रवीण मलिक ने बताया कि सोसायटी के एसटीपी से रोजाना करीब 2.5 लाख लीटर शोधित पानी प्राप्त होता है। इसका उपयोग सोसायटी के अंदर पार्कों और हरियाली में किया जाता है। इसके अलावा, 50 हजार से एक लाख लीटर पानी रोजाना स्प्रिंकलर सिस्टम के माध्यम से मुख्य सड़क और सेक्टर डिवाइडिंग रोड पर छिड़का जा रहा है।
इससे हवा में उड़ने वाली धूल नियंत्रित हो रही है और क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहतर रखने में मदद मिल रही है।
खंभों पर बिछाई पाइप लाइन
सोसायटी के सामने सेक्टर डिवाइडिंग रोड पर स्ट्रीट लाइट के खंभों के साथ पाइप लाइन बिछाकर स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया गया है। वहीं पार्क और ग्रीन बेल्ट एरिया में भी यह व्यवस्था की गई है, जिससे हरियाली को बनाए रखने में आसानी हो रही है।
प्रवीण मलिक ने बताया कि यह सिस्टम सर्दियों में प्रदूषण घटाने और गर्मियों में तापमान को नियंत्रित करने दोनों में कारगर साबित हो रहा है। इस पहल से आसपास की अन्य आरडब्ल्यूए को भी प्रेरणा मिल रही है कि वे अपने एसटीपी के शोधित पानी का उपयोग केवल बागवानी तक सीमित न रखकर पर्यावरण बचाने के लिए सड़क पर छिड़काव में भी करें।

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