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    गुरुग्राम के निजी अस्पताल में दुष्कर्म पीड़िता का बच्चा लेकर पहुंची संदिग्ध आशा वर्कर, तस्करी का शक

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 12:44 PM (IST)

    गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में एक संदिग्ध आशा वर्कर दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे को लेकर पहुंची, जिससे तस्करी का संदेह हुआ है। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम के निजी अस्पताल में बिना अनुमति एक नवजात को भर्ती करने का मामला सामने आया है। मामला संदिग्ध पाए जाने पर निजी अस्पताल संचालक ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस जांच और पूछताछ में पता चला कि बच्चा 15 वर्षीय दुष्कर्म पीड़ित किशोरी का था और इस बच्चे को आशा वर्कर निजी अस्पताल ले कर आई थी।

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    आशंका है कि यह बच्चे की तस्करी का मामला हो सकता है। फिलहाल थाना पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी मामले की जांच कर रही है।

    बिना अनुमति के बच्चे के पाए जाने की निली थी शिकायत

    बसई चौक स्थित एसएस अस्पताल के संचालक डा. श्याम सिंह ने बुधवार रात सेक्टर 9ए थाना पुलिस को शिकायत दी कि अस्पताल में बिना अनुमति के एक बच्चा पाया गया। डाक्टर ने अपनी पार्टनर और आशा वर्कर पर गंभीर आरोप लगाए।कहा कि इस बारे में कोई पूर्व सूचना नहीं थी और परिस्थितियां संदिग्ध लगी।

    जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। अस्पताल के रिकाड्र्स की जांच की गई। उस आशा वर्कर से भी पूछताछ की गई, जो बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंची थी। इस मामले में सेक्टर 9ए थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पता चला कि एक सप्ताह का नवजात 15 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता का था।

    इस मामले में पहले ही सेक्टर 10ए थाने में केस पाक्सो की धाराओं में दर्ज है। किशोरी व उसके परिवार से जानकारी ली गई तो उन्होंने मर्जी से आशा वर्कर को बच्चा देने की जानकारी दी। कहा कि बच्चे को पीलिया था, इसलिए उसे भर्ती करने के लिए आशा वर्कर को दिया गया था।

    आशा वर्कर ने भी पुलिस पूछताछ की यही जानकारी दी। इसके बाद देर रात बच्चे को वापस किशोरी को सौंप दिया गया। हालांकि, इसके बाद उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

    मामले की जांच की जा रही: सीडब्ल्यूसी

    इस मामले में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की ओर से बताया गया कि किशोरी को बच्चा होने की जानकारी कुछ दिन पहले मिली थी। इस मामले में कमेटी ने किशोरी के बयान दर्ज किए थे। किशोरी व उसके परिवारवालों ने बच्चे को न पालने और सीडब्ल्यूसी को हैंडओवर करने की इच्छा जताई थी। तब उनसे कागजात पूरे कर बच्चा हैंडओवर करने के लिए कहा गया था।

    अब किन परिस्थितियों में आशा वर्कर को बच्चा दिया गया, इसके बारे में पूरी छानबीन की जाएगी।