गुरुग्राम की स्कूली स्तर की शिक्षा का स्तर प्रदेश में सबसे अच्छा, नूंह और पलवल सबसे पीछे
शिक्षा मंत्रालय की परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, गुरुग्राम ने पिछले दो वर्षों (2022-23 और 2023-24) से स्कूली शिक्षा के स्तर में पूरे हरियाणा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। गुरुग्राम ने 2022-23 में 600 में से 346 और 2023-24 में 354 अंक प्राप्त किए, जो अन्य जिलों से काफी अधिक हैं। यह रिपोर्ट राज्यों और जिलों में स्कूली शिक्षा की स्थिति का आकलन करती है, जिसमें रेवाड़ी और रोहतक जैसे जिले गुरुग्राम के बाद आते हैं, जबकि नूंह और पलवल सबसे निचले पायदान पर हैं।
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रोजी सिन्हा, गुरुग्राम। साइबर सिटी में स्कूली स्तर की शिक्षा का स्तर पिछले दो वर्षों से प्रदेश भर में सबसे बेहतर है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट में वर्ष 2022-23 में शहर की स्कूली स्तर की शिक्षा ने मापदंडों में 600 में से 346 स्कोर प्राप्त किए हैं।
यह स्कोर प्रदेश भर के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक है। इसके बाद रेवाड़ी 338 स्कोर के साथ दूसरे स्थान और रोहतक 334 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है। चौथे स्थान पर झज्जर ने 331 और पांचवें स्थान पर महेंद्रगढ़ ने 327 स्कोर लिए है। छठे स्थान पर फरीदाबाद और पंचकूला ने 326 और सातवें स्थान पर भिवानी ने 322 स्कोर लिए है।
प्रदेश के 6 जिलों ने रिपोर्ट में प्राचेस्टा- 2 और 17 जिलों मे प्राचेस्टा-1 में जगह बनाई है। नूंह और पलवल ने इस सूची में सबसे अंत में है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट जारी की गई है। यह रिपोर्ट इस वर्ष 2022-23 और 2023-24 दो सालों की रिपोर्ट को संकलित कर जारी की गई है।
रिपोर्ट का उद्देश्य स्कूली स्तर पर राज्य और जिलों की स्थिति मापने और शिक्षा के स्तर को और बेहतर करना रखा गया है। मंत्रालय ने रिपोर्ट में 6 मापदंड बनाए गए हैं। इन मापदंडों में आउटकम, इफेक्टिव क्लासरूम ट्रांजेक्शन, इंफ्रास्ट्रकचर, फैसिलिटी और स्टूडेंट इनटाइटलमेंट, स्कूल सेफ्टी और चाइल्ड प्रोटेक्शन, डिजिटल लर्निंग और गवर्नेंस प्रोसेस शामिल है।
वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट में भी शहर सबसे आगे
वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट में भी शहर की स्थिति प्रदेश भर में सबसे बेहतर है। इस वर्ष जिले की स्कूली शिक्षा ने 600 में से 354 प्राप्त किए हैं। इसके अलावा पंचकूला ने 350, झज्जर ने 349, रेवाड़ी ने 348, महेंद्रगढ़ ने 346, रोहतक ने 337, सोनीपत ने 332, यमुनानगर ने 331, चरखी दादरी ने 329, फरीदाबाद ने 329 और भिवानी मे 328 स्कोर लिए हैं। इस वर्ष भी पलवल और नूंह जिले की स्थिति सबसे कमजोर रही है। पलवल जिले ने 300 में से 295 और नूंह ने 259 स्कोर लिए हैं।
परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स क्या है?
परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स को साल 2017-18 में शिक्षा मंत्रालय ने लांच किया था। यह एक डेटा बेस्ड फ्रेमवर्क है जो हर साल स्कूली शिक्षा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परफार्मेंस को ग्रेड करता है। इसके आधार पर 90 से अधिक स्कोर लाने वाले जिलों को उत्तकर्ष, 81 से 90 प्रतिशत स्कोर लाने वाले को उत्तम-1, 71 से 80 प्रतिशत स्कोर करने वाले को उत्तम-2, 61 से 70 प्रतिशत स्कोर लाने वाले को उत्तम-3, 51 से 60 प्रतिशत स्कोर लाने वाले को प्राचेस्टा-1, 41 से 50 प्रतिशत स्कोर लाने वाले को प्राचेस्ट-2, 31 से 40 प्रतिशत स्कोर लाने वाले को प्राचेस्टा- 3 और 21 से 30 प्रतिशत स्कोर लाने वाले को आकांक्षी-1, 11 से 20 प्रतिशत स्कोर लाने वाले को आकांक्षी-2 और 10 प्रतिशत से अधिक स्कोर लाने वाले जिलों को आकांक्षी-3 की श्रेणी में रखा जाता है।
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