गुरुग्राम में रियल एस्टेट ने तोड़ा लोगों का अपना घर का सपना, कई साल से अधर में फंसे हजारों खरीदार
गुरुग्राम में रियल एस्टेट परियोजनाओं के अधूरे रहने से हजारों घर खरीदारों का सपना टूट गया है। कई सालों से अटकी परियोजनाओं में लोगों ने अपनी जीवन भर की कमाई लगा दी है, लेकिन उन्हें अभी तक घर नहीं मिले हैं। खरीदार सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं ताकि उनके 'अपना घर' का सपना पूरा हो सके।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। देश में विकास की मिसाल माने जाने वाले गुरुग्राम के रियल एस्टेट सेक्टर की आज तस्वीर बेहद चिंताजनक है। यहां दर्जनों ग्रुप हाउसिंग और अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स वर्षों से अधर में लटके हुए हैं। हजारों परिवार, जिन्होंने अपने जीवनभर की जमा पूंजी या बैंक लोन लगाकर घर खरीदने का सपना देखा था, आज अधूरे ढांचों के बीच उम्मीद का दामन थामे बैठे हैं।
ओएसबी के प्रोजेक्ट भी अधर में
ओसियन सेवन बिल्डटेक (ओएसबी) के सेक्टर-69, 70 और 109 में अफोर्डेबल प्रोजेक्ट्स के लिए क्रमशः 2016, 2018 और 2019 में लाइसेंस जारी किए गए थे। लगभग 18 एकड़ भूमि पर फैले इन प्रोजेक्ट्स में 1500 से अधिक परिवारों ने निवेश किया है। अधिकांश खरीदारों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भुगतान किया, लेकिन निर्माण वर्षों से ठप पड़ा है। अब इन परिवारों पर आर्थिक और मानसिक दोनों तरह का दबाव बढ़ रहा है।
रहेजा डेवलपर्स: रेवांता से लेकर वान्या तक सब अधूरा
रहेजा डेवलपर्स के सेक्टर 78 स्थित रहेजा रेवांता, सेक्टर 99ए स्थित रहेजा वान्या और सोहना स्थित अरान्या सिटी (जिसके अंतर्गत कृष्णा हाउसिंग, अक्षरा, अरनया, महेशवरा और ट्रिनिटी माल शामिल हैं) सभी प्रोजेक्ट वर्षों से रुके हैं। 2011 में लांच हुआ रहेजा रेवांता अब तक अधूरा है। 18.68 एकड़ में 800 यूनिट्स प्रस्तावित थीं, जिनके लिए खरीदारों से 90 प्रतिशत राशि वसूली जा चुकी है, पर केवल 65 प्रतिशत निर्माण ही पूरा हुआ। इन प्रोजेक्ट्स में 3000 से अधिक आवंटी फंसे हैं।
एबीडब्ल्यू टावर: 12 साल बाद भी नहीं पूरा
मानेसर सेक्टर-1 स्थित एबीडब्ल्यू टावर करीब 12 साल पहले शुरू हुआ था। आज तक निर्माण पूरा नहीं हो पाया और बिल्डर दिवालिया घोषित हो चुका है। लगभग 1000 आवंटी अब अपनी पूंजी के भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।
माहिरा ग्रुप: 7 साल से अधूरे अफोर्डेबल प्रोजेक्ट्स
माहिरा ग्रुप के सेक्टर 63A, 68, 95, 103 और 104 में प्रोजेक्ट्स में लगभग 5000 आवंटी फंसे हुए हैं। सेक्टर 68 का प्रोजेक्ट 7 साल पहले लांच हुआ था, लेकिन केवल 70% काम पूरा हुआ। अन्य साइटों पर तो नींव तक नहीं खुदी है। इस बीच बिल्डर पर ईडी की कार्रवाई भी हो चुकी है और काम दोबारा शुरू होने के कोई संकेत नहीं हैं।
सुपरटेक बसेरा 2016 से ठप
सेक्टर 79 स्थित सुपरटेक बसेरा में भी 2016 से कोई प्रगति नहीं। यहां 1000 से अधिक आवंटी फंसे हुए हैं। कई खरीदार किराया और ईएमआइ दोनों का बोझ झेलते-झेलते थक चुके हैं। हरेरा और विभागीय दफ्तरों में गुहार लगाने के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं मिला।
रामप्रस्था ग्रुप के 15 साल से ठप हैं प्रोजेक्ट्स
रामप्रस्था ग्रुप के सेक्टर 37डी, 92, 93, 95 में एज, स्काईज, राइज और रामप्रस्था सिटी जैसे प्रोजेक्ट्स 15 साल से अधूरे हैं। 2600 आवंटी ने 2008-2011 के बीच लगभग 1100 करोड़ रुपये का निवेश किया था। ईडी ने 827.49 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है और दो निदेशकों — अरविंद वालिया व संदीप यादव को गिरफ्तार किया है। आवंटियों का कहना है कि अब उनका धन और सपना दोनों फंसा हुआ है।
आवंटियों की व्यथा
रहेजा रेवांता के आवंटी अर्जुन पुनिया ने कहा कि हमने जो कुछ भी कमाया, सब लगा दिया। अब न घर मिला, न पैसा। हर जगह सिर्फ आश्वासन मिलते हैं। माहिरा के आवंटी ध्रुव बोले कि गुरुग्राम जैसे शहर में जहां हर वर्ग का व्यक्ति मेरा घर का सपना लेकर आता है, आज वहां सैकड़ों इमारतें अधूरे ढांचों में बदल चुकी हैं। सरकार और अथारिटी की तरफ से सिर्फ आश्वासन है।

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