ग्रुरुग्राम: एनजीटी की निगम को सख्त हिदायत, 2027 तक बंधवाड़ी लैंडफिल से हटेगा पुराना कूड़ा
गुरुग्राम में, एनजीटी ने नगर निगम को सख्त निर्देश दिए हैं कि बंधवाड़ी लैंडफिल से 2027 तक पुराने कचरे को हटाया जाए। यह आदेश पर्यावरण अनुपालन सुनिश्चित ...और पढ़ें

बंधवाड़ी लैंडफिल से जुड़े मामले की मंगलवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई हुई। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। बंधवाड़ी लैंडफिल से जुड़े मामले की मंगलवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एनजीटी ने नगर निगम अधिकारियों को लैंडफिल पर आग की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने और ताजा कूड़े के वैज्ञानिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण सुरक्षा के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
15 लाख टन कूड़े का निस्तारण
एनजीटी के समक्ष निगम की ओर से एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें दावा किया गया कि वर्ष 2027 के जनवरी-फरवरी तक बंधवाड़ी लैंडफिल पर मौजूद पुराना कूड़ा पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दो एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो करीब 15 लाख टन कूड़े का निस्तारण करेंगी। इसके लिए एक वर्ष की समयसीमा तय की गई है और जनवरी में यह एजेंसियां कूड़ा निस्तारण कार्य शुरू कर देंगी।
2200 टन कूड़ा बंधवाड़ी लैंडफिल पर पहुंच रहा
ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान पुराने कूड़े के शीघ्र निस्तारण पर जोर देते हुए लीचेट प्रबंधन सहित अन्य पर्यावरणीय उपायों को भी प्रभावी ढंग से लागू करने के आदेश दिए। एनजीटी ने कहा कि लैंडफिल से निकलने वाला लीचेट भूजल और आसपास के पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन सकता है, इसलिए इसके समुचित उपचार और निस्तारण की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। बता दें कि बंधवाड़ी लैंडफिल पर 15 लाख टन पुराना कूड़ा पड़ा है। प्रतिदिन 2200 टन कूड़ा बंधवाड़ी लैंडफिल पर पहुंच रहा है, जिसमें फरीदाबाद से भी लगभग 900 से एक हजार टन कूड़ा भेजा जा रहा है।
लैंडफिल पर लगाएं फायर सेफ्टी सिस्टम
गर्मी के मौसम को देखते हुए एनजीटी ने विशेष तौर पर आग से बचाव के इंतजामों पर सख्ती दिखाई। ट्रिब्यूनल ने निगम को निर्देश दिए कि अप्रैल, मई और जून के दौरान लैंडफिल पर आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए फायर सेफ्टी सिस्टम अनिवार्य रूप से स्थापित किए जाएं। इसके साथ ही नियमित निगरानी, पानी के छिड़काव और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को भी मजबूत करने को कहा गया।
लैंडफिल पर दोबारा न बढ़े कूड़ा
एनजीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल पुराने कूड़े के निस्तारण से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि ताजा कूड़े के वैज्ञानिक प्रबंधन की व्यवस्था भी समानांतर रूप से करनी होगी। ट्रिब्यूनल ने निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए, ताकि भविष्य में लैंडफिल पर कूड़े का बोझ दोबारा न बढ़े और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोका जा सके।

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