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    गुरुग्राम में नया निगम मुख्यालय हुआ महंगा, अब 184 करोड़ की लागत से बनेगा अत्याधुनिक भवन

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 01:14 PM (IST)

    गुरुग्राम में नगर निगम का नया मुख्यालय अब 184 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। पहले इसकी लागत कम थी, लेकिन अब अत्याधुनिक भवन के निर्माण के कारण लागत बढ़ ...और पढ़ें

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    संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। लंबे इंतजार के बाद नगर निगम का नया मुख्यालय एक बार फिर रफ्तार पकड़ने जा रहा है। लगभग एक वर्ष से अटके प्रोजेक्ट की फाइल अब आगे बढ़ गई है और सरकार ने 55 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत को मंजूरी दे दी है। शुरुआत में भवन का निर्माण 129 करोड़ रुपये में होना था, लेकिन समय पर काम न होने और कीमतों में बढ़ोतरी के कारण अब यह लागत 184 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

    मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नए एस्टीमेट को हरी झंडी दी, जिसके बाद पुरानी एजेंसी को ही काम पूरा करने की मंजूरी मिल गई। एजेंसी इस माह के भीतर साइट पर दोबारा काम शुरू करेगी। इमारत की 10 मंजिलों तक की स्ट्रक्चरिंग पहले ही तैयार की जा चुकी है, अब आंतरिक और फिनिशिंग का काम होना बाकी है।

    नगर निगम गुरुग्राम के मुख्य अभियंता विजय ढाका का कहना हैं कि कार्यालय के लिए 55 करोड़ की बढ़ी हुई लागत को मंजूरी मिल चुकी है। एजेंसी को इस माह आदेश जारी कर दिया जाएगा और कार्य समय सीमा के भीतर पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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    2026 तक नए भवन में शिफ्ट होगा निगम कार्यालय

    लागत बढ़ने के कारण करीब एक साल से बंद पड़ा निर्माण अब दिसंबर 2026 की नई समय सीमा के साथ आगे बढ़ेगा। नगर निगम 2008 में गठन के बाद से ही किराए के भवन (सेक्टर-34) से काम कर रहा है, ऐसे में पहली बार अपना स्थायी, आधुनिक और केंद्रीकृत मुख्यालय मिलने वाला है। इस परियोजना का शिलान्यास 10 दिसंबर 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा किया गया था।

    भवन की प्रमुख सुविधाएं

    • एक ही छत के नीचे सभी सेवाएं
    • नया निगम कार्यालय भूतल सहित 11 मंजिला और तीन बेसमेंट वाला अत्याधुनिक ढांचा होगा।
    • 466 वाहनों की पार्किंग क्षमता
    • 125 सीटों वाला टाउन हॉल (सदन बैठकें)
    • 600 सीटों का आडिटोरियम
    • पुस्तकालय, एटीएम, छोटी दुकानों की सुविधा
    • नागरिकों को सभी निगम सेवाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी, जिससे अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर खत्म हो जाएंगे।
    • भवन को ऊर्जा-संरक्षण और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए इसे ग्रीहा फाइव स्टार रेटिंग के अनुसार तैयार किया जा रहा है।
    • इसमें—प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन पर जोर
    • सोलर सिस्टम से ऊर्जा उत्पादन
    • वर्षा जल संचयन
    • कम पानी खपत वाली फिटिंग
    • ट्रीटेड पानी का पुनः उपयोग
    • पर्यावरण-अनुकूल निर्माण सामग्री का उपयोग
    • जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल होंगी।