अब समझा कि RWA क्यों मना कर रही थी ? Maids-डिलीवरी ब्वॉय को लिफ्ट में एंट्री दिलाने वाला रेजिडेंट पछता रहा
गुरुग्राम की एक सोसायटी में एक व्यक्ति ने RWA से लड़कर घरेलू कामगारों को लिफ्ट इस्तेमाल करने की इजाजत दिलवाई। शुरुआत में प्रशंसा हुई, पर लिफ्ट में गंदगी होने लगी। अब वह सोच रहा है कि क्या RWA सही थी और क्या उसे माफी मांगनी चाहिए। इस घटना पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है, जहाँ नागरिक जिम्मेदारी और व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा हो रही है।

Maids-डिलीवरी ब्वॉय को लिफ्ट में एंट्री दिलाने वाला रेजिडेंट पछता रहा। फोटो: एआई जनरेटेड
डिजिटल डेस्क, गुरुग्राम। गुरुग्राम की एक हाई-राइज सोसायटी में रहने वाले व्यक्ति की सोशल मीडिया पोस्ट इन दिनों खूब वायरल हो रही है। इस शख्स ने अपनी सोसायटी की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) से लड़ाई लड़कर घरेलू कामगारों और डिलीवरी एजेंट्स को मुख्य लिफ्ट (Main Lift) के इस्तेमाल की इजाजत दिलवाई।
शुरुआत में इसे समाज में बराबरी की दिशा में एक बड़ी जीत के रूप में देखा गया। सोसाइटी के वॉट्एसप ग्रुप में उनकी तारीफ हुई, लेकिन इस जीत की खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी। कुछ ही दिनों बाद स्थिति बदल गई और उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर अपना अनुभव साझा किया।
रेजिडेंट ने लिखा कि जीत का एहसास बहुत अच्छा था। सबने तारीफ की। लेकिन अब लिफ्ट में भयानक बदबू है, पान की पीक की तस्वीर जैसी दीवारें हैं और लिफ्ट के बटन के पास पान मसाला के पाउच पड़े हैं। अब सोच रहा हूं कि क्या RWA सही थी? इस अनुभव ने उन्हें पशोपेश में डाल दिया है कि क्या अब उन्हें वापस RWA से माफी मांगनी चाहिए।
इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। एक यूजर ने लिखा कि आपने बराबरी की लड़ाई जीती, लेकिन अब नागरिक जिम्मेदारी की लड़ाई बाकी है। एक अन्य यूजर ने सवाल उठाया कि क्या लिफ्ट में CCTV कैमरे हैं और क्या उनके आधार पर कोई कार्रवाई हो सकती है।
कई लोगों ने यह भी कहा कि फैसले से पहले व्यावहारिक पहलुओं को समझना जरूरी होता है। एक यूजर ने लिखा कि भावनाओं में आकर फैसला लिया, लेकिन अब सोसायटी के स्थायी लोग नाराज हैं। वहीं, कुछ लोगों ने कामगारों को दोष देने पर आपत्ति जताई और कहा कि सफाई व्यवस्था में खामी है तो उसमें सुधार होना चाहिए, न कि लोगों को लिफ्ट में आने-जाने से रोकना।
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