गुरुग्राम में रजिस्ट्री का काम ठप, हरियाणा को सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने वाली तहसील में भी पसरा सन्नाटा
गुरुग्राम में ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली लागू होने के बाद तहसीलों में रजिस्ट्री का काम धीमा हो गया है। वेबसाइट ठीक से काम नहीं करने के कारण नई रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है, वहीं पुराने दस्तावेज भी लोगों को समय पर नहीं मिल पा रहे हैं। वजीराबाद तहसील में कामकाज प्रभावित हुआ है। उपायुक्त ने तकनीकी खामियों को दूर करने का आश्वासन दिया है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रणाली में तकनीकी खामी आने से हो रही परेशानी। जागरण
गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू होने के बाद से ही जिले की तहसीलों में दस्तावेज के पंजीकरण (रजिस्ट्री) का कार्य लगभग ठप पड़ा हुआ है। नई व्यवस्था के लागू होने के बाद वेबसाइट के चालू न होने से नई रजिस्ट्री नहीं हो पा रही हैं, वहीं वजीराबाद और बादशाहपुर तहसीलों में पहले से पंजीकृत दस्तावेज भी नहीं मिल पा रहे हैं।
राज्य की सर्वाधिक राजस्व देने वाली वजीराबाद तहसील मंगलवार को लगभग खाली पड़ी मिली। लोगों का कहना है कि कई दिनों से वे अपने पुराने दस्तावेज लेने के लिए तहसील के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों की ओर से बताया जा रहा है कि तहसीलदार या नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर न होने के कारण फाइलें अटकी हुई हैं।
लोगों में इस स्थिति को लेकर नाराजगी है। उनका कहना है कि वेबसाइट ठप रहने और अधिकारियों के हस्ताक्षर लंबित रहने से आमजन को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। डीएलएफ फेज-1 निवासी राजीव नंदा ने बताया कि उन्होंने 16 अक्तूबर को एक दस्तावेज पंजीकृत कराया था, जो चार नवंबर को जाकर मिला।
वहीं डीएलएफ फेज-1 निवासी नरेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी लीज डीड 25 अक्तूबर को पंजीकृत हुई थी, लेकिन अब तक नहीं मिली। डीएलएफ फेज-4 निवासी मोहित महाजन ने कहा कि उनकी सेल डीड 27 अक्तूबर को हुई थी, जो अब तक लंबित है।
सेक्टर-71 निवासी कंचन ने बताया कि उन्होंने बादशाहपुर तहसील में पिछले सप्ताह एक दस्तावेज पंजीकृत कराया था, जो कई चक्कर लगाने के बाद मंगलवार शाम को मिला।
एडवोकेट राजबीर सिंह का कहना हैं कि वजीराबाद और बादशाहपुर में पिछले दस दिन में उनके द्वारा पंजीकृत कराए गए एक दर्जन से अधिक डाॅक्यूमेंट्स लंबित हैं और कई तो मंगलवार शाम को जाकर मिले हैं। इस प्रकार की कार्यशैली से आमजन को परेशानी होती हैं।
इस बारे में वजीराबाद के तहसीलदार गुरदेव ने कहा कि उनके स्तर पर कोई कागजात लंबित नहीं हैं। उन्होंने बताया कि तहसील में एक सप्ताह वे कार्य देखते हैं और एक सप्ताह नायब तहसीलदार। लोग अपने दस्तावेज तहसील आकर जांच सकते हैं।
वहीं बादशाहपुर के नायब तहसीलदार महेन्द्र यादव ने बताया कि नई व्यवस्था लागू होने के कारण गुरुवार और शुक्रवार को रजिस्ट्री का दबाव अधिक रहा, जिससे कुछ दस्तावेज़ों में देरी हुई। उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम तक सभी लंबित फाइलें निपटा दी जाएंगी।
जिला राजस्व अधिकारी विजय यादव ने बताया कि इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन फिर भी दोनों तहसीलदारों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएंगे कि लोगों के दस्तावेज पर समय पर हस्ताक्षर किए जाएं।
नई व्यवस्था लागू हुई है, सोमवार को दो रजिस्ट्री हुई हैं। जो भी तकनीकी खामियां सामने आ रही हैं, हम लगातार आईटी को समस्याओं से अवगत करा रहे हैं। चूंकि नई व्यवस्था हैं, अगले कुछ दिनों के भीतर व्यवस्था को स्ट्रीमलाइन कर दिया जाएगा। पुराने दस्तावेजों को देने में देरी के संबंध में मेरी तरफ से सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को सख्त निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। यदि इस प्रकार से देरी की जाएगी तो जवाब-तलब किया जाएगा।
-अजय कुमार, उपायुक्त, गुरुग्राम

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