रीडिंग गड़बड़ या सिस्टम फेल? गुरुग्राम में बिजली विभाग की लापरवाही बनी सिरदर्द, महिला को थमाया 86,918 का बिल
गुरुग्राम में बिजली विभाग की लापरवाही से एक महिला को 86,918 रुपये का भारी बिजली बिल भेजा गया। महिला ने बिल की शिकायत की है, जिसमें रीडिंग में गड़बड़ी ...और पढ़ें

मीडिया से बातचीत करते हुए मास्टर सुरेंद्र सिंह तथा सुनील कुमार। जागरण
संवाद सहयोगी, पटौदी (गुरुग्राम)। दक्षिणी हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। गत माह एक महिला बिजली उपभोक्ता का आया 692 रुपए का बिल भुगतान करने के बाद उन्हें अब 86,918 रुपए का बिल भेज दिया गया।
इससे महिला बिजली उपभोक्ता तथा उसके परिवारजन स्तब्ध हैं तथा परेशान हैं कि इतनी बड़ी रकम कैसे जुटाएं।
जाटोली निवासी मास्टर सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उनकी एक दुकान का बिजली का मीटर उनकी भाभी लक्ष्मी चौहान के नाम से दो वर्ष पूर्व नवंबर 2023 में लिया गया था। इसमें उनका ही फोन नंबर रजिस्टर्ड था। उसके बाद उनके फोन नंबर पर बिल आ जाता था तथा वे आनलाइन ही बिल की राशि जमा करवा देते थे।
पिछले माह आया था 692 रुपए का बिल
पिछले माह उनका बिल 692 रुपए आया था और उसे उन्होंने जमा करवा दिया था। परंतु अब उन्हें 86,917 रुपए का बिल भेज दिया गया जिससे उनका परिवार सदमे में है। अब कहा जा रहा है कि मीटर रीडर ने अतीत में रीडिंग लिए बिना अंदाज से बिल भेजे होंगे। परंतु मीटर रीडर एवं संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
अब उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि इतनी राशि कैसे जुटाई जाए। जाटोली के ही रहने वाले सुनील कुमार ने बताया कि इनका बिजली का बिल उनकी पत्नी सोनू के नाम से है। पिछले माह उनका बिल 4 नवंबर को 3183 रुपए आया था। 24 नवंबर को उन्हें 28906 रुपए का बिल भेजा गया। सीधे 25 हजार रुपए कैसे बढ़ गया।
सरकार से जांच की मांग
मास्टर सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि इस प्रकार के नगर में अनेक मामले हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार इन मामलों की उच्च स्तरीय जांच करवाए तथा अपनी लापरवाही से बिजली उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बनने वाले तथा सरकार की भी बदनामी का कारण बनने वाले लापरवाह कर्मचारियों अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
इधर, बिजली निगम के हेलीमंडी डिवीजन के उपमंडल अभियंता प्रभांश का कहना है कि कई बार मीटर रीडर को रीडिंग ठीक से दिखाई नहीं देती है। इस पर मीटर खराब दिखा दिया जाता है। उसकी वेरिफिकेशन होने तक एवरेज बिल भेजा जाता है।

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