गुरुग्राम में छह सेक्टरों की सोसाटियों में पानी का संकट होगा दूर, अब सरकारी नल होगी पेयजल की आपूर्ति
गुरुग्राम के सेक्टर 72 में जीएमडीए ने नया बूस्टिंग स्टेशन बनाया है, जिससे नए गुरुग्राम के छह सेक्टरों को नहरी पानी मिलेगा। चंदू बुढेड़ा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े इस स्टेशन से सेक्टर 75 से 80 तक के लोगों को स्वच्छ पानी मिलेगा। पहले बोरवेल से पानी आता था, जिससे पानी की गुणवत्ता खराब थी। अब नहरी पानी मिलने से यह समस्या दूर होगी और भूमिगत जलस्तर में भी सुधार होगा।

संदीप रतन, गुरुग्राम। : लंबे इंतजार के बाद नए गुरुग्राम के छह सेक्टरों के बाशिंदों को आखिरकार नहरी पेयजल की सुविधा मिलने जा रही है। गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) ने सेक्टर-72 में नया बूस्टिंग स्टेशन तैयार कर लिया है, जो चंदू बुढेड़ा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ा होगा।
इससे सेक्टर-75 से 80 तक के हजारों परिवारों को स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में नहरी पानी मिल सकेगा। अब तक इन सेक्टरों में बोरवेल से पेयजल आपूर्ति की जा रही थी, जिससे कई बार जलस्तर गिरने और पानी की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आती रहीं। जीएमडीए के अधिकारियों के अनुसार, अगले एक महीने में नहरी जल आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।
फिलहाल द्वारका एक्सप्रेसवे के समीप सेक्टर-72 बूस्टिंग स्टेशन तक चंदू बुढेड़ा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पाइपलाइन बिछाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। जीएमडीए अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर-72 बूस्टिंग स्टेशन और पाइपलाइन नेटवर्क पर लगभग 160 करोड़ रुपये की लागत आई है।
इस नई व्यवस्था से न केवल सेक्टर-75 से 80 तक बल्कि सेक्टर-58 से 74 तक के क्षेत्रों को भी राहत मिलेगी। फिलहाल सेक्टर-58 से 74 तक के सेक्टरों को सेक्टर-51 स्थित बूस्टिंग स्टेशन से पानी मिल रहा है।
कई सोसायटियों को मिलेगा फायदा, भूमिगत जल में होगा सुधार
नए बूस्टिंग स्टेशन के शुरू होने के बाद सेक्टर-58 से लेकर सेक्टर-80 तक के क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुचारू हो जाएगी। इससे बोरवेल पर निर्भरता भी खत्म होगी और भूमिगत जलस्तर में सुधार की उम्मीद है। सेक्टर-75 से 80 के बीच स्थित गोदरेज फ्रंटियर, ईएमजी पाम हिल्स, एम3एम, पिरामिड प्राइड जैसी बड़ी सोसायटियों के निवासियों को इस परियोजना से सबसे अधिक लाभ होगा।
इन क्षेत्रों के लोग कई वर्षों से नहरी पेयजल आपूर्ति की मांग कर रहे थे। जीएमडीए ने अब इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए पेयजल व्यवस्था को नहरी स्रोतों से जोड़ने का निर्णय लिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बोरवेल से आने वाले पानी में टीडीएस स्तर बहुत अधिक था, जिससे घरेलू उपयोग में परेशानी होती थी। वहीं, नहरी जल आपूर्ति शुरू होने के बाद लोगों को स्वच्छ और अछीत गुणवत्ता वाला पानी मिलेगा।
- 40 लाख शहर की जनसंख्या है।
- 400 एमएलडी चंदू बुढ़ेड़ा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता है।
- 270 एमएलडी बसई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता है।
- 670 एमएलडी दोनों प्लांट की कुल क्षमता है।
- 700 एमएलडी से ज्यादा गर्मी में पानी की मांग हो जाती है।
- 494 बोरवेल नगर निगम के हैं।
यह भी पढ़ें- शराब पीकर गाड़ी चलाने वाला तो भुगतेगा ही, 'साकी' की भी खैर नहीं; गुरुग्राम के Night Clubs को पुलिस का नोटिस
सेक्टर-72 में बूस्टिंग स्टेशन आधुनिक तकनीक पर स्थापित किया गया है। इसे भविष्य में बढ़ती जनसंख्या और पानी आपूर्ति की जरूरतों को पूरा करने को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। बूस्टिंग स्टेशन तक पाइपलाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि एक महीने में इसे पूरा कर लिया जाएगा।
-अभिनव वर्मा, एक्सईएन जीएमडीए

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।