गुरुग्राम के इस इलाके में जाना आपकी सेहत के लिए खतरा, धूल और धुएं से AQI पहुंचा 300 के पार
गुरुग्राम में हवा की गुणवत्ता फिर से खराब हो गई है, लघु सचिवालय क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक है। विकास सदन के पास एक्यूआई 314 दर्ज किया गया। धूल, निर्माण मलबा और वाहनों का धुआं वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने तापमान में गिरावट को भी कारण बताया है। लोगों को आंखों में जलन और गले में खराश हो रही है, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। शहर की हवा एक बार फिर सांस लेने लायक नहीं रही है। सोमवार को लघु सचिवालय क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक दर्ज किया गया। विकास सदन के पास एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 314 पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
इसके अलावा सेक्टर 51 में एक्यूआई 289, ग्वाल पहाड़ी में 164 और टेरी ग्राम में 108 दर्ज किया गया। औसतन शहर का एक्यूआई 216 रहा। हवा अब भी प्रदूषित है और स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सुबह से ही मौसम साफ रहने और धूप खिलने के बावजूद हवा में मौजूद धूल और धुएं ने लोगों को राहत नहीं दी।
सड़कों पर उठती धूल, निर्माण स्थलों से उड़ता मलबा और वाहनों का धुआं लगातार वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट के साथ-साथ हवा की गति कम होने से प्रदूषक तत्व वातावरण में जमा हो रहे हैं, जिससे एक्यूआइ लगातार ऊंचा बना हुआ है।
वहीं, दोपहर में कुछ राहत जरूर देखने को मिली जब हवा चली तो मानेसर क्षेत्र में प्रदूषण स्तर में गिरावट दर्ज की गई। वहां का एक्यूआइ घटकर 86 तक पहुंच गया, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है। हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार अस्थायी है और हवा रुकते ही प्रदूषण स्तर फिर से बढ़ सकता है।
आंखों में जलन, गले में खराश
शहर के कई इलाकों में लोगों को आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें हो रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस से संबंधित रोगों से पीड़ित लोगों को सुबह-शाम के समय घरों में रहने की सलाह दी है। धूल उड़ने और धुएं के कारण सांस लेने में भी परेशानी हो रही है।

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