दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर बढ़ा ट्रैफिक, बिजवासन टोल प्लाजा शुरू होने से द्वारका एक्सप्रेसवे का दबाव हुआ कम
बिजवासन टोल प्लाजा के शुरू होने से द्वारका एक्सप्रेसवे पर 35 हजार वाहन कम हो गए हैं, जिससे दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक बढ़ गया है। टोल दर अधिक होने के कारण व्यवसायिक वाहनों ने रूट बदल लिया है। ट्रांसपोर्टरों ने टोल दर कम करने की मांग की है, जबकि निजी वाहनों के लिए मासिक पास की सुविधा दी गई है।

बिजवासन टोल प्लाजा शुरू होने से दिल्ली गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ा।
आदित्य राज, गुरुग्राम। बिजवासन टोल प्लाजा के चालू होते ही द्वारका एक्सप्रेसवे पर 35 हजार वाहन कम हो गए। इनमें अधिकतर वाहन दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से निकल रहे हैं। बाकी वाहन नजफगढ़ एवं बजघेड़ा इलाके से होते हुए दिल्ली या आसपास के इलाकों में पहुंच रहे हैं। इनमें अधिकतर भारी वाहन हैं। इससे दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से लेकर अन्य मार्गों पर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है।
पीक आवर के दौरान पहले की तरह सिरहौल बार्डर पर ट्रैफिक का दबाव बनने लगा है। रात 10 बजे के बाद सिरहौल बार्डर पर भारी वाहनों का दबाव कम होने लगा था, वह फिर से बढ़ने लगा है।
खेड़कीदौला टोल प्लाजा से लेकर महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने तक द्वारका एक्सप्रेसवे है। जब तक एक्सप्रेसवे पर बिजवासन में बनाया गया टोल प्लाजा चालू नहीं था तब तक प्रतिदिन औसतन 90 से 95 हजार वाहन निकल रहे थे। इनमें से हजारों भारी वाहन थे। टोल प्लाजा चालू होने के बाद 55 से 60 हजार वाहन निकल रहे हैं। इस तरह प्रतिदिन औसतन 30 से 35 हजार वाहनों की कमी आई है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सर्वे के मुताबिक अधिकतर व्यवसायिक व खासकर व्यवसायिक भारी वाहनों ने अपना रूट बदल लिया है। कारोबारियों का कहना है कि टोल दर इतना अधिक है कि क्या कमाएं और क्या बचाएं। एनएचएआइ टोल दर में कमी करे। इससे नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा। व्यवसायिक वाहनों की संख्या बढ़ जाएगी।
गुरुग्राम ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकमचंद शर्मा कहते हैं कि बिजवासन टोल प्लाजा देश का सबसे महंगा टोल प्लाजा है। इसी तरह गुरुग्राम-सोहना हाईवे पर घामड़ोज में महंगा टोल प्लाजा है। टोल दर को कम करने के बारे में आल इंडिया ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से बात करेगी। एसोसिएशन तक बात पहुंचा दी गई है।
ट्रांसपोर्टर विनय मंगला कहते हैं कि बिजवासन टोल प्लाजा चालू करने के साथ ही खेड़कीदौला टोल प्लाजा की दरें भी बढ़ा दी गईं। टोल दरें बढ़ाने में मनमानी की गई है। जब बचत ही नहीं होगी फिर कमाकर क्या करेंगे। वैकल्पिक रास्तों से ट्रांसपोर्टर अपने वाहन निकालने को मजबूर हैं। केंद्र सरकार को इसके ऊपर विचार करना चाहिए।
निजी वाहनों में भी आई थी कमी
टोल प्लाजा शुरू होने के बाद निजी वाहनों की संख्या में भी भारी कमी आ गई थी लेकिन एक सप्ताह के दौरान ही लगभग 10 हजार लोगों ने मासिक पास बनवा लिया। टोल प्लाजा के नजदीक से विभिन्न इलाकों में कैंप लगाकर पास बनाए जा रहे हैं। 340 रुपये का मासिक पास बनाया जा रहा है। 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोग इस प्रविधान का बढ़-चढ़कर लाभ उठा रहे हैं। मासिक पास का प्रविधान किए जाने की वजह से टोल प्लाजा संचालन का विरोध शुरू नहीं हुआ।
कुछ आरडब्ल्यूए ने विरोध किया भी तो लोगों का अधिक साथ नहीं मिला। एनएचएआइ के अधिकारी का कहना है कि निजी वाहनों के लिए मासिक पास की सुविधा का लाभ तेजी से उठाया जा रहा है। व्यवसायिक वाहनों में दिन प्रतिदिन आ रही कमी, चिंता का विषय है। व्यवसायिक वाहन ही नहीं निकलेंगे फिर एक्सप्रेसवे का बनाने का क्या लाभ हुआ। इस बारे में विचार किया जा रहा है।
द्वारका एक्सप्रेसवे की टोल दर
| वाहन का प्रकार | सिंगल ट्रिप | डबल ट्रिप (रिटर्न जर्नी) | मासिक पास (50 ट्रिप) |
|---|---|---|---|
| निजी कार, जीप व हल्के वाहन | ₹220 | ₹330 | ₹7,360 |
| हल्के व्यवसायिक वाहन (LCV) | ₹355 | ₹535 | ₹11,890 |
| बस एवं ट्रक (2 एक्सल) | ₹745 | ₹1,120 | ₹24,915 |
| 3 एक्सल वाले व्यवसायिक वाहन | ₹815 | ₹1,225 | ₹27,180 |
| चार एक्सल से अधिक वाले व्यवसायिक वाहन | ₹1,425 | ₹2,140 | ₹47,565 |

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