सर्दी बढ़ने के साथ ही क्यों काटने लगे हैं कुत्तें? गुरुग्राम में दो माह में 2328 लोग डॉग बाइट का शिकार
गुरुग्राम में ठंड बढ़ने के साथ ही कुत्तों के काटने के मामले बढ़ गए हैं। बीते दो महीनों में सरकारी अस्पतालों में 2328 मामले दर्ज हुए हैं। कुत्तों के आक ...और पढ़ें

1231 सितंबर में, 1166 अक्टूबर में और नवंबर में 1162 लोग जिले में बने कुत्तों के हमले का शिकार। आर्काइव
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। ठंड का मौसम शुरू होते ही कुत्ते आक्रामक होने लगे हैं। बीते दो माह में जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉग बाइट के कुल 2328 नए मामले दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार सितंबर में 1231, अक्टूबर में 1166 और नवंबर में 1162 लोग कुत्तों के हमले का शिकार बने।
विशेषज्ञों के अनुसार ठंड में मुख्य रूप से कुत्तों के आक्रामक होने की वजह उनका ब्रीडिंग सीजन (प्रजनन काल) है। वर्ष में दो बार छह महीने फरवरी, मार्च, अगस्त, सितंबर, अक्तूबर और नवंबर कुत्तों का प्रजनन काल होता है, जिससे कुत्तों के भीतर हार्मोनल बदलाव होने से आक्रामकता बढ़ जाती है और उनके हमलों की संख्या में इजाफा होता है।
सेक्टर-10ए स्थित जिला नागरिक अस्पताल में भी डाॅग बाइट के मामलों में सितंबर की अपेक्षा अक्टूबर व नवंबर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यहां सितंबर में 510 नए डाॅग बाइट केस दर्ज किए गए थे जबकि माह अक्टूबर में 560 और नवंबर में 563 नए मरीज पहुंचे।
चिकित्सकों ने बताया कि अधिकतर मामलों में लोग सुबह और देर शाम टहलते समय या घरों के आसपास मौजूद झुंडों के पास से गुजरते समय कुत्तों का शिकार बने।
पीएमओ डाॅ. लोकवीर ने बताया कि कुत्तों के काटने पर सावधानी बरतनी चाहिए। उधर, नगर निगम की ओर से कार्यदायी संस्था की ओर से भी संवेदनशील क्षेत्रों में कुत्तों की मॉनिटरिंग और वैक्सीनेशन अभियान तेज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
कुत्तों के काटने पर ये बरतें सावधानी
- घाव को साफ पानी और साबुन से पांच मिनट तक धोना चाहिए।
- एंटी रेबीज इंजेक्शन (एआरवी) की पहली डोज जल्द से जल्द 24 घंटों के भीतर लगवानी चाहिए।
- तीसरे, सातवें और 28वें दिन एआरवी की दूसरी, तीसरी और चौथी डोज लगवानी चाहिए।
- घाव ज्यादा होने पर तुरंत इम्युनोग्लोबिन लगवानी चाहिए।
- कुत्ते पर नजर रखें। वह मर जाता है तो इलाज में लापरवाही बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।
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जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी-रेबीज़ वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, ताकि घायल मरीजों को तुरंत उपचार मिल सके।
- डाॅ. विकास स्वामी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, गुरुग्राम।

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