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    दिल्ली–अलवर RRTS कॉरिडोर के निर्माण में बड़ी राहत, गुरुग्राम में बाधक हाईटेंशन लाइन हटाने की प्रक्रिया शुरू

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 03:57 AM (IST)

    दिल्ली-अलवर RRTS कॉरिडोर के निर्माण में गुरुग्राम में आ रही हाईटेंशन लाइन की बाधा दूर हो गई है। लाइन को हटाने की प्रक्रिया शुरू होने से निर्माण कार्य में तेजी आएगी और परियोजना के समय पर पूरा होने की संभावना बढ़ गई है। यह कॉरिडोर दिल्ली और अलवर के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।

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    RRTS कॉरिडोर के लिए हटाए जाएंगे हाईटेंशन लाइन।

    जागरण संवाददाता, बादशाहपुर (गुरुग्राम)। दिल्ली से अलवर तक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कारिडोर के निर्माण में बाधक बन रहे एंबियंस माल से इफको चौक तक हाईटेंशन ल टावर और लाइन हटाए जाएंगे। हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (एचवीपीएनएल) ने इसके लिए 65 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत का प्रस्ताव तैयार किया है।

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    यह प्रस्ताव एचवीपीएनएल ने नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) को भेज दिया है। एनसीआरटीसी निर्णय लेगी कि लाइन और टावर हटाने के लिए किसी कंपनी को टेंडर देना है या फिर एचवीपीएनएल को ही हटाने के लिए प्रस्ताव दिया जाता है।

    इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी और हरियाणा-राजस्थान के महत्वपूर्ण केंद्रों को जोड़ने वाला सेमी-हाई-स्पीड रेल कारिडोर निर्माण का काम गति पकड़ लेगा। पहले चरण का काम दिल्ली से बावल तक होगा।

    दिल्ली रोड प्रस्तावित था रूट

    आरआरटीएस का निर्माण पहले पुराने शहर में दिल्ली रोड से प्रस्तावित था। बाद में इसका रूट बदलकर दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ-साथ कर दिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर इफको चौक से एंबियंस माल तक कई लाइनों की हाइटेंशन टावर और लाइनें फैली हुई हैं। सेक्टर-20 के 220 सबस्टेशन से सेक्टर-72 के 220 सबस्टेशन को जाने वाली काफी लाइन है।

    इसी तरह उद्योग विहार फेस-4 के सब स्टेशन को दूसरे सबस्टेशन से जोड़ने के लिए भी जो टावर और लाइन है। वह इस प्रोजेक्ट में बाधक बन रही है। हाइटेंशन टावर और लाइन हटाने के लिए एचवीपीएन ने अनुमानित लागत का प्रस्ताव तैयार कर दिया है। इस तरह के किसी भी टावर और लाइन को शिफ्ट करने के लिए बिजली निगम उसको अनुमानित लागत और सुपरविजन फीस लगाकर देता है।

    विभाग के पास 2 विकल्प

    विभाग के पास दोनों विकल्प होते हैं। चाहे तो वह इसका काम एचवीपीएनएल को ही दे दें और उनकी अनुमानित लागत राशि बिजली निगम में जमा कर दें। दूसरा विकल्प वह खुद भी किसी कंपनी को टेंडर देकर टावर और लाइन शिफ्ट करने का काम कर सकता है। इसके लिए बिजली निगम में सुपरविजन फीस जमा करनी होती है।

    आरआरटीएस एक महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी परियोजना है। दिल्ली से अलवर तक इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लंबाई लगभग 164 किलोमीटर है। सराय काले खां से शुरू होकर गुरुग्राम, रेवाड़ी, नीमराना, शाहजहांपुर व बहरोड़ होते हुए अलवर तक जाना है।

    शहर में इसके चार स्टेशन साइबर सब, इफको चौक, राजीव चौक और हीरो होंडा चौक पर प्रस्तावित है। पूरे प्रोजेक्ट में 22 स्टेशन प्रस्तावित है। इसमें से 17 एलिवेटेड और पांच स्टेशन भूमिगत बनाए जाने हैं।

    प्रोजेक्ट की विशेषताएं

    • 164 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट है दिल्ली से अलवर तक
    • 22 स्टेशन बनाए जाने हैं पूरे प्रोजेक्ट में
    • 17 स्टेशन होंगे एलिवेटेड
    • 5 स्टेशन बनाए जाएंगे भूमिगत
    • 4 स्टेशन — साइबर हब, इफको चौक, राजीव चौक और हीरो होंडा चौक — गुरुग्राम में होंगे
    • 100 किमी/घंटा औसत गति होगी ट्रेन की
    • 160 किमी/घंटा की रफ्तार से परिचालन की क्षमता

     

    हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम की तरफ से सभी प्रोजेक्ट में आने वाले हाइटेंशन टावर और लाइन को हटाने का एस्टीमेट दे दिया गया है। एनसीआरटीसी की तरफ से जैसे ही प्रस्ताव आया, उसका एस्टीमेट तुरंत बना दिया गया।

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    एनके वर्मा, निदेशक, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम