मानेसर में धड़ल्ले से हो रहा बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का उल्लंघन, बढ़ा संक्रमण का खतरा
मानेसर में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का उल्लंघन हो रहा है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। नियमों का सही से पालन न होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इस गंभीर समस्या पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि लोगों को बीमारियों से बचाया जा सके।
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मानेसर में इस तरह खुले में डाले जा रहे बायोमेडिकल वेस्ट। जागरण
जागरण संवाददाता, मानेसर। नगर निगम मानेसर क्षेत्र में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के नियमों को ताक पर रखकर खुले में बायोमेडिकल वेस्ट डाला जा रहा है। इससे संक्रमण का खतरा लगातार बना रहा है। बायोमेडिकल वेस्ट जलाने से वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है।
नगर निगम के अधिकारियों द्वारा इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मानेसर क्षेत्र में लाखों लोग रहते हैं। इनमें अधिकतर लोग श्रमिक वर्ग से हैं। यह लोग छोटे अस्पताल और झोलाछाप डाक्टरों से अपना इलाज कराते हैं। छोटे अस्पताल संचालक और झोलाछाप डाक्टर मेडिकल वेस्ट को नियमों के अनुसार निपटान करने की बजाए खुले में फेंक देते हैं।
बढ़ा संक्रमण का खतरा
मेडिकल वेस्ट में में प्रयोग किए गए मास्क, दस्ताने, बेड शीट, सिरिंज, दवाई की शीशियां, एक्सपायर दवाइयां और रुई भी शामिल है। खुले में डाले जाने से वहां से गुजरने वाले लोगों में संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। मानेसर क्षेत्र में कई जगह रोजाना खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है।
बायोमेडिकल वेस्ट को फेंकने से रोकने की जिम्मेदारी नगर निगम की मेडिकल शाखा और जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की है। बायोमेडिकल वेस्ट का निपटान करने की जिम्मेदारी स्वयं उत्पादक की होती है। इसके लिए निजी कंपनियां भी कार्य कर रही हैं। बायोमेडिकल वेस्ट का निपटान काफी महंगा होता है।
इस लागत से बचने के लिए छोटे अस्पताल संचालक खुले में ही वेस्ट फेंक देते हैं। इसका वातावरण को काफी अधिक नुकसान होता है। कई जगह कबाड़ बीनने वाले लोग भी खुले में फेंके गए मेडिकल वेस्ट के बीच कबाड़ बीनते हैं। इससे प्रयोग की गई सुईयां काफी नुकसान कर सकती हैं। मानेसर के एसडीएम दर्शन यादव का कहना है कि इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लिखा जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।
क्या है नियम
अस्पतालों, लैब, ब्लड बैंक, पशु अस्पताल, आयुष अस्पताल, फार्मेसी तथा स्लाटर हाउस संचालकों को बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए अपना पंजीकरण सरल हरियाणा पोर्टल पर करवाकर मंजूरी लेनी पड़ती है। इसके बाद अस्पताल को वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर सभी जानकारी वेबसाईट पर अपलोड करनी पड़ती है।
अस्पताल में बायोमेडिकल के अलग अलग रंगों के बाक्स के फोटो, अस्पताल में बेड की संख्या तथा जीपीएस की जानकारी भी अपलोड करनी होती है। अस्पताल संचालक को रिकार्ड रजिस्टर भी रखना पड़ता है। इस रजिस्टर में बायोमेडिकल वेस्ट निपटान की सभी जानकारियां दर्ज होती है। अस्पताल को वार्षिक रिपोर्ट भी वेबसाइट पर दर्ज करनी पड़ती है।
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