फतेहाबाद में नंगा घूम रहे संदिग्ध, महिलाओं के कपड़े चुरा रहे, लोगों में दहशत, गिरफ्तारी के लिए घेरा थाना
फतेहाबाद के रतिया शहर में नग्न घूमने वाले संदिग्धों के कारण वार्ड-4 और वार्ड-5 के निवासियों ने थाने का घेराव किया। निवासियों ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया क्योंकि संदिग्ध गलियों में नग्न घूम रहे थे और महिलाओं के कपड़े चुरा रहे थे। एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया लेकिन लोगों का कहना है कि वह सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति से अलग है।

संवाद सूत्र, रतिया (फतेहाबाद)। रतिया शहर में एक महीने से रात को कुछ संदिग्ध नग्न घूम रहे हैं। ये महिलाओं के कपड़े तक चुरा ले जाते हैं। इससे लोगों में दहशत का माहौल है। नग्न घूमने वाले संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई न करने के आरोप में रविवार रात वार्ड-4 और वार्ड-5 के 400 अधिक लोगों ने शहर थाने का घेराव किया।
वार्ड-5 के पार्षद हैप्पी सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रात के समय कुछ युवक गली-गली में नग्न घूम रहे हैं। उनके नग्न घूमने की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हुई हैं, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में एक युवक गाड़ी के पास से नग्न निकलता है और कुछ दूर जाकर अंडरवियर पहनता है। फिर वह एक घर के गेट पर चढ़कर अंदर झांकने की कोशिश भी करता है।
पकड़ा गया संदिग्ध और सीसीटीवी फुटेज वाला युवक अलग
मामले को लेकर लोगों ने कई दिनों से खुद निगरानी शुरू कर रखी थी। रविवार रात को लोगों ने करीब 55 साल के एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि, पकड़े गए व्यक्ति ने खुद को मजदूर बताया और कहा कि वह दुकान पर सामान लेने आया था।
वार्ड-4 निवासी जोगराज सिंह व अन्यों ने बताया कि जब थाने आकर लोगों ने पकड़े गए व्यक्ति को सामने लाने की मांग की, ताकि वह बदला न जा सके तो पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की। लोगों का कहना था कि पकड़े गए व्यक्ति का हुलिया सीसीटीवी फुटेज में कैद युवक से अलग था।
एसएचओ ने किया कानूनी प्रविधान का हवाला
हंगामे की सूचना पाकर वार्ड के पार्षद भी थाने पहुंचे। एसएचओ रणजीत सिंह ने लोगों को समझाने का प्रयास करते हुए बताया कि रात को जिस व्यक्ति को डिटेन किया गया है, वह मूलरूप से बिहार का रहने वाला है और यहां मजदूरी करता है। उसे भारतीय न्याय संहिता की धारा 172 के तहत कस्टडी में लिया गया है।
एसएचओ ने स्पष्ट किया कि कस्टडी में लिए गए किसी भी व्यक्ति को भीड़ के सामने नहीं लाया जा सकता है, हालांकि 5-10 लोग उसे देख सकते हैं। एसएचओ और पार्षदों के समझाने के बाद रात साढ़े 10 बजे के बाद वार्डवासी वापस लौटे। पुलिस ने लोगों को जल्द ही मुख्य आरोपित को पकड़ने का आश्वासन दिया है।
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