7 दिन की NIA रिमांड पर उमर को छिपाने वाला शोएब खाेलेगा राज, मुजम्मिल ने अल-फलाह में लगवाया था वार्ड ब्वॉय
दिल्ली धमाके से पहले शोएब ने आतंकी उमर का साथ दिया था। मुजम्मिल के पकड़े जाने पर शोएब ने उमर को नूंह में अपनी साली के घर में छिपने का इंतजाम कराया। वह डॉक्टर उमर और मुजम्मिल के लिए मुखबिर था और विस्फोटकों को पहुंचाने में मदद करता था। एनआईए ने उसे गिरफ्तार कर सात दिन की रिमांड पर लिया है और मामले की जांच कर रही है।

प्रवन कौशिक, फरीदाबाद। दिल्ली में लाल किला के पास कार में धमाके से 10 दिन पहले आतंकी उमर नबी बट के साथ रहने वाला शख्स धौज गांव का शोएब था। आतंकी मुजम्मिल के पकड़े जाने के बाद इसने ही उमर को छिपने के लिए नूंह में साली अफसाना का मकान अपनी गारंटी पर दिलाया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार वह डाॅ. उमर और डा. मुजम्मिल का मुखबिर के रूप में काम कर रहा था। शोएब से अस्पताल में काम करने वाले स्टाफ की जानकारी ली जाती थी ताकि और मददगार बनाए जा सकें।
विस्फोटक एक स्थान से लेकर दूसरी जगह पहुंचाने में भी शोएब ने आतंकियों की मदद की। धमाके की पूरी साजिश में उसका हाथ था। बुधवार को NIA ने शोएब को गिरफ्तार कर सात दिन की रिमांड पर लिया है।
जल्द ही NIA उसे यूनिवर्सिटी सहित विस्फोटक छिपाने वाली जगह ले जाएगी। एनआईए ने कुछ दिन पहले शोएब को हिरासत में ले लिया था, लेकिन पूछताछ कर छोड़ दिया।
आतंकी डाॅ. मुजम्मिल को रिमांड पर लेने के बाद पुख्ता जानकारी मिली तो शोएब को गिरफ्तार कर लिया गया। याद रहे दिल्ली धमाके के मामले में एनआईए डाॅ. शाहीन सईद, डाॅ. मुजम्मिल शकील, डाॅ. आदिल अहमद, मुफ्ती इरफान, जसीर बिलाल और आमिर राशिद को गिरफ्तार कर चुकी है। शोएब की गिरफ्तारी सातवीं हैं।
आतंकी मुजम्मिल ने ही लगवाई थी शोएब की नौकरी
शोएब धौज गांव का रहने वाला है। इसके पिता शोहराब की मेन बस स्टैंड, मस्जिद के पास मोबाइल वाली गली में दुकान करते हैं। करीब साल भर पहले तक शोएब पिता के साथ दुकान पर बैठता था। एक दिन बीमार होने पर वह रात को यूनिवर्सिटी के अस्पताल में चला गया। वहां पहली बाद उसकी मुलाकात डाॅ. मुजम्मिल से हुई।
मुजम्मिल उससे बातें करने लगा। इस दौरान शोएब को यूनिवर्सिटी में नौकरी दिलाने की बात कही। शोएब ने तुरंत हामी भर दी। शोएब को यूनिवर्सिटी के अस्पताल के मेडिकल वार्ड में आठ हजार प्रति माह वेतन पर वार्ड ब्वाॅय की नौकरी दिला दी। इसके बाद जब भी परिवार में किसी के भी बीमार होता तो शोएब मुजम्मिल को फोन पर बात कर दवाई पूछ लेता था।
शोएब के जरिये आस-पड़ोस में कोई भी बीमार होता था तो वह मुजम्मिल से अस्पताल में आसानी से इलाज करा देता था। इस कारण शोएब की डाॅ. मुजम्मिल से नजदीकी बढ़ती चली गई। मुजम्मिल शोएब के घर भी गया था।
पूरे परिवार से मिलकर आया था। जब भी शोएब को पैसों की जरूरत होती तो मुजम्मिल उसकी मदद कर देता था। मुजम्मिल ने उसकी मुलाकात डाॅ. उमर से भी कराई। उमर ने उसका इस्तेमाल विस्फोटक सहित अन्य सामान लाने-ले जाने में किया।
डॉ. उमर को दिलाई छिपने की जगह
मुजम्मिल के पकड़े जाने के बाद डाॅ. उमर को सुरक्षित जगह की तलाश थी। वह काफी परेशान था। इसके लिए उसने शोएब से बात की। शोएब ने 31 अक्टूबर को नूंह में अपनी साली अफसाना का घर किराये पर उसे दिलवा दिया। पुलिस की जांच के अनुसार इस मकान में उमर 10 दिन रुका था।
नौ नवंबर की रात को उमर यहां से निकला और अगले दिन दिल्ली में लाल किले के सामने धमाका कर दिया। मुज्जमिल की निशानदेही पर एनआईए ने शोएब के घर से ग्राइंडर और अन्य सामान बरामद किया था।
सूत्रों के अनुसार इस सामान का प्रयोग बम बनाने या अन्य आतंकी गतिविधियों में किया जा सकता था। दरअसल शोएब को आतंकी बड़े सपने दिखा रहे थे। जल्द अमीर बनने का लालच दिया गया था। इसी लालच में शोएब आतंकियों का टूल बनता जा रहा था।

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