Delhi-Mumbai Expressway: फरीदाबाद में अलाइमेंट के बीच आए मास्टर प्लान के तीन सेक्टर
Delhi-Mumbai Expressway दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे की अलाइमेंट के बीच मास्टर प्लान-2031 के तहत विकसित होने वाले तीन सेक्टर आ रहे हैं। एक्सप्रेस-वे से तीनों सेक्टरों की पूरी प्लानिंग गड़बड़ा रही है। मतलब ये सेक्टर दो हिस्सों में एक्सप्रेस-वे के दाएं-बाएं बंट जाएंगे।
नई दिल्ली [प्रवीन कौशिक]। दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे की अलाइमेंट के बीच मास्टर प्लान-2031 के तहत विकसित होने वाले तीन सेक्टर आ रहे हैं। एक्सप्रेस-वे से तीनों सेक्टरों की पूरी प्लानिंग गड़बड़ा रही है। मतलब ये सेक्टर दो हिस्सों में एक्सप्रेस-वे के दाएं-बाएं बंट जाएंगे। इसे लेकर नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी चिंतित हैं। अलाइमेंट को लेकर अब नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी जल्द भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों से मिलेंगे।
चार जिलों की जमीन का किया गया है अधिग्रहण
एक्सप्रेस-वे के लिए फरीदाबाद में कैल गांव, नंगला जोगियान, मोहला, हरफला, भनकपुर, जाजरू, सीकरी की जमीन अधिग्रहण की गई है। पलवल के गांव खेड़ली जीता, पारौली, कलवाका और सहराला गांव की जमीन अधिगृहित की गई है। इसके अलावा गुरुग्राम और नूंह में भी जमीन अधिग्रहण की गई है।
यहां आई है दिक्कत
नगर योजनाकार और एनएचएआइ अधिकारियों में तालमेल के अभाव की वजह से दोनों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। भनकपुर और नंगला जोगियान में एनएचएआइ एक्सप्रेस-वे के लिए पिछले साल जमीन अधिग्रहण कर चुका है। उधर इन दोनों गांव में मास्टर प्लान-2031 के तहत सेक्टर-47, 48 और 149 प्रस्तावित किए जा चुके हैं। यहां कहां-कहां मास्टर रोड व अंदर सेक्टर रोड बनेगी, इसकी योजना बनाई जा चुकी है। अब एक्सप्रेस-वे की अलाइमेंट सेक्टरों के बीच से गुजर रही है। जिससे सेक्टर विकसित होने पर संकट आ गया है।
एक्सप्रेस-वे का रूट
दिल्ली से वड़ोदरा तक करीब 900 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे दिल्ली में डीएनडी फ्लाइओवर से शुरू होगा। यहां यमुना नदी के किनारे बसे ओखला को पार करता हुआ कालिंदी कुंज पर जुड़ेगा। इसके बाद आगरा नहर के साथ-साथ सेक्टर-37 श्मशान घाट के पास आकर बाईपास से जुड़ जाएगा। कैल गांव के पास एक्सप्रेस वे राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करेगा और सोहना पहुंचेगा और केएमपी से जुड़ेगा। वहां से मुंबई व वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ दिया जाएगा।
जिला नगर योजनाकार विभाग और एनएचएआइ के बीच तालमेल की कमी से उत्पन्न हुई समस्या
रेनूका सिंह (जिला नगर योजनाकार) के मुताबिक,एक्सप्रेस-वे की अलाइमेंट के लिए एनएचएआइ अधिकारियों ने हमें नहीं बताया। यदि बताते तो प्रस्तावित सेक्टरों का बचाव हो जाता। इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इन सेक्टरों में इधर से उधर जाने के लिए अंडरपास बनवाने सहित अन्य मुद्दों पर बात की जाएगी।
धीरज सिंह (उपमहाप्रबंधक, एनएचएआइ) का कहना है कि एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना 2018 की है। जब हम जमीन अधिग्रहण कर रहे थे, तब भी नगर योजनाकार विभाग के अधिकारियों ने नहीं टोका। अब तो पूरे प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। सेक्टरों के लिए जहां जरूरी होंगे अंडरपास या अन्य कनेक्टिविटी कर दी जाएगी।
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