Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूरजकुंड मेला : थीम स्टेट के रूप में उत्तर पूर्व आठ राज्य होंगे सहभागी

    By Anil BetabEdited By: Babli Kumari
    Updated: Fri, 04 Nov 2022 07:30 PM (IST)

    हरियाणा पर्यटन विभाग की ओर से की गई तैयारी के अनुसार इनमें कजाकिस्तान क्रिगिस्तान उज्बेकिस्तान पाकिस्तान रशिया चीन तजाकिस्तानतथा उज्बेकिस्तान को प्रमु ...और पढ़ें

    Hero Image
    थीम स्टेट के रूप में उत्तर पूर्व आठ राज्य होंगे सहभागी

    अनिल बेताब, फरीदाबाद। नए वर्ष में 3 से 19 फरवरी तक लगने वाले 36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में इस बार थीम स्टेट के रूप में उत्तर पूर्व आठ राज्य असम, अरुणाचल, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम सहभागी होंगे। मेले में शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) से जुड़े कई देश पार्टनर कंट्री के रूप में सहभागी बनेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। हरियाणा पर्यटन विभाग की ओर से की गई तैयारी के अनुसार इनमें कजाकिस्तान, क्रिगिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान, रशिया, चीन, तजाकिस्तानतथा उज्बेकिस्तान को प्रमुख रूप से जोड़ा गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब एससीओ से जुड़े कई देश एक साथ पार्टनर कंट्री और उत्तर पूर्व के कई राज्य थीम स्टेट के रूप में मेले के साक्षी होंगे।

    इस मेले में 50 से अधिक देश होंगे शामिल 

    हरियाणा पर्यटन विभाग की ओर से वर्ष 1987 में पहली बार सूरजकुंड मेला शुरू किया गया था। कंट्री थीम की शुरुआत वर्ष 2009 में 23वें सूरजकुंड मेले से हुई थी। इस मेले का सबसे पहलापार्टनर कंट्री मिस्र(इजिप्ट)को बनाया गया था। जबकि वर्ष 1989 में राजस्थान को पहली बार थीम स्टेट बनाया गया था।हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक डा. नीरज कुमार ने बताया किमेले की तैयारी को गति दी जा रही है। इस मेले में 50 से अधिक देश शामिल होंगे। मेले में हर वर्ष लगभग हजार हस्तशिल्पी आते थे। इस बार 1200 से अधिक हस्तशिल्पियों को आमंत्रित किया जाएगा।

    मेले में जो भी उत्पाद बिकते हैं, उस पर कर नहीं लगता

    ये होता है फायदा मेले में जो थीम स्टेट और देश कंट्री पार्टनर बनता है। वह मेले में अपने हस्तशिल्प, खानपान, पहनावे व नृत्य-संगीत का प्रचार करता है। मेले में जो भी उत्पाद बिकते हैं, उस पर कर नहीं लगता है, जिसका फायदा उस राज्य के शिल्पियों को होता है।

    इस वर्ष दिसंबर में भी लगेगा मेला-इस वर्ष 16 से 18 दिसंबर तक लगने वाले मेले के आयोजन की भी तैयारी की गई हे। तीन दिवसीय यह मेला सिर्फ सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर आधारित होगा। मेले में हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम होंंगे।

    यह भी पढ़ें- Kapal Mochan Mela 2022: कपालमोचन मेला शुरू, पवित्र सरोवरों में साधु-संतों ने किया शाही स्‍नान, देखें तस्‍वीरें

    यह भी पढ़ें- NCR में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर तो हरियाणा के कई शहर खतरे के निशान पर, स्माग से लोगों की सांसें फुली