Faridabad: आरोपित संपदाधिकारी की संपत्ति की होगी जांच, 50 हजार की रिश्वत लेते ACB ने पकड़ा था रंगे हाथों
हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास संरचना निगम (एचएसआइआइडीसी) के संपदा अधिकारी विकास चौधरी को एक दिन का रिमांड पूरा होने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) ने शुक्रवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे जेल भेज दिया है।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास संरचना निगम (एचएसआइआइडीसी) के संपदा अधिकारी विकास चौधरी को एक दिन का रिमांड पूरा होने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) ने शुक्रवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे जेल भेज दिया है। एसीबी ने रिश्वत लेने के आरोप में बुधवार को उसे गिरफ्तार किया था। रिमांड के दौरान एसीबी ने उसकी संपत्ति का ब्यौरा जुटाया।
अब एसीबी उसकी संपत्ति की भी जांच कर रही है। अनुमान है कि उसके पास करोड़ों की संपत्ति है। एसीबी ने उसके दाे मोबाइल नंबरों की डिटेल भी मांगी है। इससे मालूम चलेगा कि वह किन लोगों के संपर्क में था। रिश्वत में किन लोगों का हिस्सा होता था, एसीबी इसकी भी जांच कर रही है। इसके अलावा आरोपित द्वारा पिछले छह महीने में जिन लोगों को प्रोजेक्ट कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं, उन्हें भी पूछताछ के लिए एसीबी ने बुलाया है। एसीबी उनसे जानने का प्रयास करेगी कि उन्होंने कितनी रिश्वत देकर अपना काम कराया। एसीबी को मालूम चला है कि आरोपित संपदा अधिकारी ने कारोबारियों को नोटिस भेजकर प्रोजेक्ट कंपलीशन सर्टिफिकेट लेने के लिए बाध्य किया था।
बता दें कि एसीबी कनवर्टेड प्राइवेट इंजीनियर फरीदाबाद फर्म के वकील और कानूनी प्रतिनिधि पीएल शर्मा ने एसीबी को बताया था कि मनोज कुमार ने फर्म को प्रोजेक्ट कंप्लीशन सर्टिफिकेट देने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये की मांग की। इसमें से 75 हजार रुपये वे पहले दे चुके थे। उनके ऊपर और रुपयों के लिए दबाव बनाया जा रहा था। एसीबी ने जाल बिछाकर सहायक संपदा अधिकारी मनोज कुमार को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। उसने बताया कि वह संपदा अधिकारी विकास चौधरी के कहने पर रिश्वत ले रहा था। इसके बाद एसीबी ने विकास चौधरी को भी गिरफ्तार किया।