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    Haryana News: फरीदाबाद में अब निजी अस्पतालों की एंबुलेंस भी सरकारी नियंत्रण कक्ष से जुड़ेंगी, जानें कैसे लिया जा सकता है सेवा का लाभ

    Updated: Mon, 12 May 2025 06:00 PM (IST)

    फरीदाबाद में अब निजी अस्पतालों की 24 एंबुलेंस भी नियंत्रण कक्ष से जुड़ेंगी। ये एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करेंगी और पुलिस नियंत्रण कक्ष के नंबर 112 से जोड़ी जाएंगी। सड़क दुर्घटना और गर्भवतियाेंको अस्पताल पहुंचाने में इससे मदद मिलेगी। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग की 21 एंबुलेंस चल रही हैं।

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    टोल फ्री नंबर 112 से जुड़ी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की एंबुलेंस।

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: जिले की एंबुलेंस सेवा आने वाले दिनों में बेहतर हो जाएगी। अब निजी अस्पतालों की एंबुलेंस को भी नियंत्रण कक्ष से जोड़ा जाएगा। यह एंबुलेंस आपात स्थिति में स्वास्थ्य विभाग का साथ देंगी। सभी एंबुलेंस को पुलिस के नियंत्रण कक्ष के 112 नंबर से जोड़ा जाएगा।

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    निजी अस्पतालों की 24 निजी एंबुलेंस को जीपीएस से जोड़ने की तैयारी की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पहले से ही जिला स्वास्थ्य विभाग की 21 एंबुलेंस चल रही हैं।

    मौजूदा एंबुलेंस सेवा में ड्राइवरों की है कमी 

    इनका प्रयोग सड़क दुर्घटना के घायलों और गर्भवती को अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र तक लाने ले जाने में किया जा रहा है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग की 21 एंबुलेंस के लिए ड्राइवरों के 56 स्वीकृत हैं। इनमें से 33 ड्राइवर कार्यरत हैं।

    ड्राइवरों की संख्या कम होने के कारण कई बार जब किसी मामले में जरूरत पड़ती है तो संबंधित क्षेत्र में समय पर एंबुलेंस पहुंचने में देरी हो जाती है। अब जब निजी अस्पतालों की एंबुलेंस भी जुड़ जाएंगी ताे उनका भी सदुपयोग किया जा सकेगा।

    इस तरह मिलेगा एंबुलेंस सेवा का लाभ

    • एंबुलेंस सेवा 112 नंबर पुलिस नियंत्रण कक्ष पंचकूला से जुड़ी है।
    • आपात स्थिति में नागरिक एंबुलेंस के लिए टोल फ्री नंबर पर कॉल करेगा।
    • लोकेशन के लिहाज से जो एंबुलेंस जहां मौजूद होगी, वहीं से भेज दिया जाएगा।

    अब निजी अस्पतालों की एंबुलेंस को भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है। जिला उपायुक्त के माध्यम से आपात स्थिति में निजी अस्पतालों का सहयोग लिया जाएगा। इस काम में कुछ समय लग सकता है। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सड़क दुर्घटना के घायलों और गर्भवती को अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र तक लाने में राहत मिलेगी।

    - एमपी सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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