Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Haryana News: स्मार्ट टॉयलेट का हाल तो देखिए... खर्च हुए 2 करोड़ की सच्चाई जान उड़े होश

    Updated: Mon, 12 May 2025 03:33 PM (IST)

    फरीदाबाद में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बने दो करोड़ के स्मार्ट टॉयलेट खराब हो गए हैं। आरोप है कि इस परियोजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और घटिया निर्माण किया गया। शहरी विकास विभाग के प्रधान सलाहकार डीएस ढेसी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। निगम अधिकारी भी इन कंडम टॉयलेट को लेने को तैयार नहीं हैं।

    Hero Image
    दो करोड़ के स्मार्ट टॉयलेट बेहाल को लेकर खड़े हुए सवाल। जागरण

    प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। फरीदाबाद में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विभिन्न परियोजनाएं पूरी करने के नाम पर पैसे की खूब बर्बादी हुई है। ऐसा प्रतीत हुआ कि केंद्र के इस महत्वाकांक्षी मिशन की कोई निगरानी करने वाला नहीं हैं। यहां बैठे अधिकारियों की जवाबदेही भी नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मिशन के तहत दो करोड़ की लागत से स्मार्ट टॉयलेट बनवाए गए थे जो बनने के कुछ ही समय बाद कंडम होना शुरू हो गए। यानी एक टॉयलेट बनाने की लागत 20 लाख रुपये आई। इतने महंगे शौचालय का कुछ समय बाद ही कंडम होने की जांच तक नहीं की गई। ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं। अधिकारी भी पाक साफ हो गए। जनप्रतिनिधियों ने भी आंखे बंद कर ली। अब इसी मामले पर शहरी विकास विभाग के प्रधान सलाहकार डीएस ढेसी ने संज्ञान लिया है।

    उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को मामले की जांच के लिए कहा है। यह भी निर्देश दिए हैं कि एक कमेटी गठित की जाए जो यह जांच करेगी कि टॉयलेट की वर्तमान हालत क्या है और इसमें कैसे सुधार किया जा सकता है। इसमें कितना खर्चा आएगा। शुरू से लेकर अभी तक ही प्रगति रिपोर्ट तलब की है।

    नगर निगम को सौंप दिए कंडम टॉयलेट

    इन टॉयलेट को सुधारकर चालू करने की बजाए स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों ने इन्हें नगर निगम को थोप दिया। लेकिन निगम अधिकारी अभी तक इन टॉयलेट को लेने को तैयार नहीं हुए हैं। क्योंकि इनकी हालत अत्यधिक खराब है। काफी पैसा सुधारने में लगेगा।

    2018 में बने थे टॉयलेट

    स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से शहर में फरवरी 2018 से अगस्त 2018 तक 10 स्मार्ट टॉयलेट स्थापित किए गए थे। शुरुआत के समय से ही गुणवत्ता और कई गुणा अधिक कीमत के कारण विवाद में रहे। नगर निगम के पूर्व उपमहापौर मनमोहन गर्ग ने कई बार ये मामला उठाया था लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कुछ दिन बाद ही टॉयलेट बदहाल होना शुरू गए थे। ये टॉयलेट सेक्टर-19 पुलिस चौकी, गोपी कालोनी, एनआइटी पांच पुलिस चौकी के पास, सेक्टर-21डी मार्केट, मेट्रो स्टेशन, बड़खल के पास हैं। इन सभी टॉयलेट में जंग लग गया है। दरवाजे, टोटियां व अन्य सामान गायब हो चुका है।

    जांच की मांग उठी

    आरटीआई कार्यकर्ता अजय सैनी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत हुए कार्यों में बेहद लापरवाही बरती गई है। टॉयलेट पर दो करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए लेकिन ये किसी काम के नहीं हैं। इसकी जांच होनी चाहिए और ठेकेदार व संबंधित जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए।

    यह भी पढ़ें- पार्कों पर खर्च होंगे 10 करोड़ रुपये, नगर निगम ने तैयार किया प्लान; जल्द हरा-भरा दिखेगा शहर

    टॉयलेट का सामान चोरी हो गया था। इस वजह से दिक्कत हुई। जल्द इन्हें किसी एजेंसी के हवाले कर चालू कराया जाएगा। इससे पहले कमेटी गठित होगी। - रमेश बागड़ी, महाप्रबंधक, स्मार्ट सिटी लिमिटेड