Faridabad News: फोन पर तीन बार बोला तलाक और पत्नी को छोड़ा, अब कर रहा दूसरी शादी; केस दर्ज
फ़रीदाबाद में एक व्यक्ति ने फ़ोन पर तीन बार तलाक कहकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया और दूसरी शादी करने जा रहा है। तीन तलाक कानून बनने के बाद भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। पीड़ित पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और आरोपित दामाद की दूसरी शादी रोकने की गुहार लगाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। मैं तुम्हारी बेटी से तलाक, तलाक, तलाक लेना चाहता हूं। अब दूसरी शादी करूंगा। तीन तलाक पर कानून बने पांच साल हो गए हैं लेकिन आज भी कुछ लोग तीन तलाक को ही मान रहे हैं। एक ऐसा ही मामला यहां अनखीर पुलिस क्षेत्र के एक गांव में सामने आया है। गांव में रहने वाले व्यक्ति को उसके दामाद ने फोन किया और उसकी बेटी से तलाक लेने के लिए तीन बार तलाश शब्द कहा।
इसके बाद उसने मान लिया कि अब तलाक हो गया है। इसलिए अब वह 27 अप्रैल को दूसरी शादी करने जा रहा है। पीड़ित पिता ने इस मामले की शिकायत पुलिस को दी। थाना सूरजकुंड पुलिस ने मामले की जांच की जा रही है। पीड़ित पिता चाहता है कि आरोपित दामाद की दूसरी शादी नहीं होनी चाहिए।
2023 में हुई थी शादी
पीड़ित ने बताया कि उसने अपनी बेटी की शादी 2023 में करहारी गांव, थाना शेरगढ़, मथुरा उत्तर प्रदेश निवासी साहिद के साथ की थी। उसकी बेटी ससुराल में केवल तीन बार ही गई, तभी उसके साथ मारपीट की जानी शुरू कर दी गई थी। बेटी ने इस बारे में उन्हें बताया। वह बेटी के ससुराल गए और बात की लेकिन ससुराल वाले नहीं माने। पंचायत की गई, तब भी बात नहीं बनी।
कुछ ही महीने में बेटी को मारपीट कर उसके घर भेज दिया गया। तभी से बेटी उनके पास रह रही थी। सालभर पहले उसके दामाद का उनके पास फोन आया। उसने बेटी से तलाक लेने के लिए इस शब्द को तीन बार कहा और बोला कि अब तलाक हो गया है। यह सुनकर वह परेशान हो गए।
उन्होंने अपने जानकार से बात की। पता चला कि अब तीन तलाक पर कानून बन चुका है और इस तरह से तलाक नहीं दिया जा सकता। तब शिकायत पुलिस को दी। इस मामले में अहम बात यह भी है कि पीड़ित को यह मामला दर्ज कराने में सालभर लग गया। लगातार पुलिस चौकी, थाने व पुलिस अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगाए। अब जाकर मामला दर्ज हुआ है।
पीड़ित बोला, कानून अच्छा है
पीड़ित से जब तीन तलाक के बारे में बात की गई तो उसने कहा कि सरकार ने इस पर रोक लगाकर ठीक किया है। यदि यह निरस्त नहीं होता तो आज उसे इंसाफ मिलने की उम्मीद नहीं होती। कम से कम अब उसने मामला तो दर्ज करा दिया है। अब आरोपित की गिरफ्तारी होगी और मामला चलेगा। तीन तलाक पर कानून बनाकर केंद्र सरकार ने सराहनीय काम किया है।
2018 में लागू हुआ था कानून
अगस्त 2017 में तीन तलाक को अमान्य घोषित कर दिया गया था। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 19 सितंबर, 2018 से पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू हुआ। अब कानून ने तीन तलाक को गैर-जमानती अपराध माना है।, जिसके लिए तीन साल की कैद की सजा हो सकती है।
सालभर पहले पीड़ित ने दहेज की शिकायत दी थी। तीन तलाक वाली तो हाल ही में शिकायत दी गई है, जिसे तुरंत दर्ज किया गया है। - प्रह्लाद कुमार, सूरजकुंड थाना प्रभारी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।