नोएडा एयरपोर्ट उड़ान भरने को तैयार, फरीदाबाद को जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे अब भी अधूरा, नहीं मिला पूरा बजट और जमीन
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द शुरू होने वाला है लेकिन फरीदाबाद को जोड़ने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का काम अधूरा है। बजट की कमी और सोतई गांव में भूमि विवाद के कारण परियोजना में देरी हो रही है। यमुना नदी पर पुल का निर्माण भी धीमा है। एनएचएआई को उम्मीद है कि कोर्ट के फैसले के बाद भूमि का अधिग्रहण हो जाएगा और जल्द ही बजट मिलने से काम में तेजी आएगी।

सुभाष डागर, बल्लभगढ़। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उड़ान भरने के लिए तैयार है। 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्धाटन कर सकते हैं। उद्घाटन के 40 दिन बाद यहां से उड़ानें शुरू हो जाएंगी। एयरपोर्ट से औद्योगिक नगरी फरीदाबाद को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का अभी तक आधार भी तैयार नहीं हुआ है।
पूरा बजट भी नहीं मिला
यमुना नदी के ऊपर बनाए जाने वाले पुल के पिलर ही बन चुके हैं, लेकिन पुल बनाने का काम अधूरा पड़ा है। सोतई गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को अभी तक परियोजना के लिए किसानों ने भूमि भी नहीं दी है। कई गांवों में अभी तक मिट्टी भी डालनी भी शुरू नहीं हो पाई है। परियोजना के निर्माण में केंद्र सरकार से अभी तब पूरा बजट भी नहीं मिला है।
एक्सप्रेसवे का निर्माण सुस्त रफ्तार में
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से औद्योगिक नगरी को जोड़ने के लिए 1660.50 करोड़ रुपये की लागत से इंफ्राटेक कंपनी 32 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बना रही है। 23 किलोमीटर हरियाणा की सीमा के अंदर और नौ किलोमीटर उत्तर प्रदेश की सीमा में बनाया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य 2023 में शुरू किया था और जून-2025 तक बनाकर तैयार करना था। एक्सप्रेसवे के निर्माण में अभी तक सबसे बड़ी बाधा केंद्र सरकार से बजट पूरा न मिला है। निर्माण करने वाली कंपनी को 692 करोड़ रुपये का बजट मिला है। यही कारण है कि अभी एक्सप्रेसवे के निर्माण धीमी गति से चल रहा है।
सोतई गांव में अभी किसानों ने नहीं दी भूमि
सोतई गांव में किसानों की जाट पट्टी शामलात भूमि है। इस भूमि पर किसानों का कब्जा है और वह खेती कर रहे हैं। गांव की पंचायत को समाप्त करके सरकार ने नगर निगम में शामिल कर दिया है। इस भूमि के मुआवजे को लेकर किसान अपना हक जता रहे हैं और नगर निगम अपनी भूमि बता कर हक जता रहा है। यह मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट इस भूमि का मालिक जिसे घोषित कर देगा, एनएचएआइ की तरफ से उसे मुआवजा दे दिया जाएगा। तब भूमि पर कब्जा मिलेगा और यहां पर परियोजना का एलिवेटेड निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
इन गांवों में अभी तक नहीं डाली गई मिट्टी
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने के लिए फफूंदा, पन्हैड़ा खुर्द, गढ़खेडा, नरहावली गांव के खेतों में मिट्टी डालने का काम अधूरा पड़ा हुआ है। यहां पर मिट्टी डालने का काम कई जगह पर तो अभी तक शुरू भी नहीं हुआ है। मिट्टी डालने के काम को पूरा करने में चार से पांच महीने का समय लग जाएगाा। इसी तरह से मोहना में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर उतरने-चढ़ने के लिए इंटरचेंज बनाने का काम चल रहा है। यह कार्य भी अगले एक वर्ष में पूरा हो पाएगा। केजीपी, मोहना रोड और गांवों के रास्तों के ऊपर बनाए जा रहे पुलों को मार्ग से जोड़ने के लिए मिट्टी डालने का काम भी अधूरा पड़ा हुआ है।
एक बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकें
"एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को ध्यान में रखते हुए सरकार को परियोजना का बजट जल्द से जल्द मंजूर करना चाहिए। ताकि यह समय पर बन कर तैयार हो जाए और औद्योगिक नगरी फरीदाबाद, पलवल, नूंह के लोगों को एक बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।"
-राजेश भाटी
जल्द बजट मंजूर होकर मिल जाएगा
"परियोजना के लिए सोतई गांव की भूमि का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट फैसले के अनुसार भूमि का मुआवजा देकर कब्जा लिया जाएगा। परियोजना के लिए बजट कई मंत्रालयों से मंजूर होकर आता है। जल्दी ही बजट मंजूर होकर आ जाएगा। वर्षा के कारण कई गांवों के रास्तों पर बनाए जा रहे पुलों के लिए मिट्टी डालने का काम रुका हुआ था। अब यह काम शुरू हो जाएगा। परियोजना को जल्दी ही बनाकर तैयार कर दिया जाएगा, ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें।"
-धीरज सिंह, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
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