PM Awas Yojana: पिछले छह सालों में नहीं बना कोई मकान, 200 लोगों ने किया आवेदन
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में ग्रामीण क्षेत्र में पिछले छह साल में एक भी मकान नहीं बनाया गया है। जिस वजह से सरकार ने 2018 के बाद किसी को भी अनुदान की राशि नहीं दी है। बता दें 2018 में बल्लभगढ़ खंड में 200 लोगों ने इसके लिए आवेदन जमा किए थे। खबर में पढ़ें इस मामले को लेकर अधिकारी ने क्या कुछ कहा है।

सुभाष डागर, बल्लभगढ़ (फरीदाबाद)। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पिछले छह वर्ष में एक भी मकान नहीं बनाया गया। इसका कारण सरकार ने 2018 के बाद किसी को भी अनुदान नहीं दिया। इनमें काफी लोगों ने किसी न किसी तरह की सहायता लेकर अपने निजी कोष से मकान बना लिए हैं।
जिन लोगों के अभी तक मकान नहीं बने हैं उनकी आर्थिक स्थिति का आंकलन किया जाएगा। इसके लिए तीन सदस्य समिति का गठन किया गया है। यह समिति मौके पर पहुंच कर मुआयना करेगी और ग्राम सभा की बैठक में भी ग्रामीणों से संबंधित व्यक्ति के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।
2018 में बल्लभगढ़ खंड में 200 लोगों ने किए आवेदन जमा
पीएम आवास योजना के तहत गांवों में मकान बनाने के लिए 2018 में बल्लभगढ़ खंड में 200 लोगों ने आवेदन जमा किए थे। इन लोगों में ज्यादातर बीपीएल परिवार शामिल हैं। तब सभी का सर्वे किया गया था। तब से लेकर अब तक योजना के तहत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को मकान बनाने के लिए कोई अनुदान नहीं दिया।
पूजा शर्मा। जागरण आर्काइव
हर वर्ष इन लोगों का सर्वे अवश्य किया गया है। अब तक हुए सर्वे के अनुसार खंड में योजना का लाभ लेने लिए पात्र व्यक्ति मात्र 85 शेष बचे हैं। 115 आवेदकों ने सरकार से अनुदान मिलने की उम्मीद छोड़ कर किसी न किसी तरह से अपने मकान बना लिए हैं। अब इन 85 लोगों के मकान फिलहाल भी पहली जैसी स्थिति में हैं या इन लोगों की आर्थिक स्थिति में कोई बदलाव हुआ है।
आवेदकों को जगी मकान मिलने की उम्मीदें
इसका आंकलन करने के लिए गांव के सरपंच, पंचायती राज के कनिष्ठ अभियंता और पंचायत सचिव की तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। यह समिति एक महीने तक सर्वे करेगी और उसके बाद अपनी रिपोर्ट बनाकर सरकार के पास चंडीगढ़ भेज देगी।
इस रिपोर्ट के बाद योजना का लाभ लेने वाले ग्रामीणों को अनुदान देने के बारे में सरकार कोई नीतिगत फैसला लेगी। तीन सदस्यीय समिति के सर्वे से अब योजना को लाभ लेने वाले आवेदकों के मन में उम्मीद जगी है कि शायद उनका भी अब पक्का मकान बन जाए।
पिछले छह वर्ष में काफी लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए हैं। कई घरों में युवाओं को नौकरी मिल गई है। ऐसे लोगों ने अपने मकान पक्के बना लिए हैं। ऐसे ही 115 लोगों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। अब जो 85 लोग योजना का लाभ लेने के लिए शेष बचे हुए हैं, उनकी आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट तीन सदस्यीय समिति से सर्वे कराकर तैयार की जाएगी। समिति की रिपोर्ट पर इन बीपीएल लोगों के मकान बनाने के लिए सरकार की तरफ से अनुदान दिया जाएगा।
पूजा शर्मा, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी बल्लभगढ़
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