Nikita Murder Case: निकिता मर्डर केस में इकलौती गवाह सहेली ने जज को सुनाई पूरी कहानी
सोमवार को पुलिस सुरक्षा में ही उसे न्यायालय लाया गया। सीआरपीसी (काेड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) की धारा-164 के तहत दर्ज किए गए इन बयानों की काफी अहमियत है। ये बयान बंद कमरे में न्यायाधीश के समक्ष दर्ज होते हैं।
फरीदाबाद, हरेंद्र नागर। एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने सोमवार को निकिता हत्याकांड की चश्मदीद उसकी सहेली के बयान न्यायाधीश के समक्ष कलमबद्ध करा दिया। सहेली हत्याकांड की चश्मदीद गवाह है। ऐसे में अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान उसके ये बयान निर्णायक साबित हो सकते हैं। निकिता हत्याकांड की सीसीटीवी फुटेज में दिख रही सहेली का साहस देखकर सभी ने दांतों तले उंगली दबा ली थी। जब आरोपित ने निकिता के अपहरण का प्रयास किया तो सहेली ने उसे बचाने का प्रयास किया था।
सहेली के सामने आरोपित ने किया था निकिता का मर्डर
सहेली के सामने ही आरोपित निकिता को गोली मारकर फरार हुआ। सीसीटीवी फुटेज देखकर ही पुलिस ने सहेली को चश्मदीद गवाह बनाने का निर्णय लिया। उसने भी सहमति दे दी। फिलहाल सहेली की पहचान उजागर करने से पुलिस बच रही है। उसकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
बंद कमरे बयान हुआ दर्ज
सोमवार को पुलिस सुरक्षा में ही उसे न्यायालय लाया गया। सीआरपीसी (काेड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) की धारा-164 के तहत दर्ज किए गए इन बयानों की काफी अहमियत है। ये बयान बंद कमरे में न्यायाधीश के समक्ष दर्ज होते हैं। न्यायाधीश सुनिश्चित करते हैं कि बयान दर्ज कराने वाले पर किसी तरह का दबाव, लालच या डर तो नहीं है। बयान कलमबद्ध होने के बाद इनसे पलटा नहीं जा सकता। इन बयानों को तुरंत सीलबंद कर दिया जाता है। इसके बाद ये मुकदमे की सुनवाई के दौरान सीधे न्यायाधीश के सामने ही खोले जाते हैं।
निकिता के भाई को आत्मरक्षा के लिए मिला शस्त्र लाइसेंस
पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने सोमवार को निकिता के भाई नवीन को आत्मरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस जारी कर दिया। इसके साथ ही परिवार की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई। परिवार के सभी सदस्यों के साथ अब दो-दो गनमैन रहेंगे। पुलिस ने सुरक्षा घेरे को और मजबूत करने के लिए घर के पास एक पीसीआर, सोसायटी के गेट पर पुलिसकर्मी व मुख्य सोहना रोड पर पीसीआर तैनात कर दी है।
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