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    Narendra Chanchal: थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के गॉड फादर थे नरेंद्र चंचल, जानिए कैसे उनके नाम में जुड़ा था चंचल

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Fri, 22 Jan 2021 06:58 PM (IST)

    Narendra Chanchal Death News फरीदाबाद में करीब 25 वर्षों से फाउंडेशन अगेंस्ट थैलेसीमिया से जुड़ कर नरेंद्र चंचल थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के लिए माता की चौकी किया करते थे। चौकी में वह देवी मां का गुणगान करने के साथ ही लोगों को मानवता का संदेश देते थे।

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    थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के साथ प्रसिद्ध गायक नरेंद्र चंचल। सौजन्य: फाउंडेशन।

    फरीदाबाद [अनिल बेताब]। Narendra Chanchal Death News: प्रसिद्ध भजन गायक नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के गॉड फादर थे। बच्चों को नियमित रूप से रक्त और दवा की जरूरत पड़ती है। ऐसे में इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नरेंद्र चंचल अक्सर फरीदाबाद और बरेली जाया करते थे। यहां रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करते थे। बच्चों के लिए चंदा भी इकट्ठा किया करते थे। नरेंद्र चंचल अक्सर अपने पंचशील पार्क, दिल्ली निवास पर थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों को आमंत्रित किया करते थे। 

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    25 वर्षों से फाउंडेशन अगेंस्ट थैलेसीमिया से जुड़े थे 

    फरीदाबाद में करीब 25 वर्षों से फाउंडेशन अगेंस्ट थैलेसीमिया से जुड़ कर नरेंद्र चंचल थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के लिए माता की चौकी किया करते थे। चौकी में वह देवी मां का गुणगान करने के साथ ही लोगों को मानवता का संदेश देते थे। कहते थे कि बच्चे सबके साझे होते हैं। उनका मकसद  थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों की मदद करना होता था। फाउंडेशन अगेंस्ट थैलेसीमिया से जड़ने के बाद उन्होंने वाटसएप ग्रुप, फेसबुक और टीवी चैनलों के माध्यम से लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया 

    नरेंद्र चचंल हमारे तो रहनुमा थे। जब कभी हमें थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के लिए रक्तदान शिविर लगा होता था, तो वह हमेशा साथ खड़े रहते थे। उन्होंने संस्था और बच्चों के लिए बहुत काम किया। फरीदाबाद के साथ ही वह अक्सर बरेली जाकर भी बच्चों के लिए काम करते थे। वह थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के गॉड फादर थे। 

    रविंद्र डुडेजा, महासचिव, फाउंडेशन अगेंस्ट थैलेसीमिया। 

    गायक नरेंद्र चंचल हमारी टीम के साथ परिवार की तरह मिलते थे। जिले में 225 थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चे हैं। समय-समय पर बच्चों की तकलीफों को दूर करने पर चर्चा करते थे। वह अपनी सेवाओं के चलते हमेशा हमारे दिलों में बसे रहेंगे। 

    हरीश रतरा, अध्यक्ष, फाउंडेशन अगेंस्ट थैलेसीमिया। 

    गीतकार अनिल कत्याल ने कहा है कि नरेंद्र चंचल अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा समाजसेवा पर खर्च करते थे। देवी मां के ऐसे सच्चे भक्त को शत-शत नमन करता हूं। 

    मुझे महीने में दो बार रक्त चढ़वाना पड़ता है। फाउंडेशन अगेंस्ट थैलेसीमिया से जुड़ कर नरेंद्र चंचल फरीदाबाद में आकर अक्सर रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक करते रहे हैं। 

    निकिता, ओल्ड फरीदाबाद। 

    मुझे रेगुलर दवा खानी होती है और रक्त भी चढ़वाना पड़ता है। फाउंडेशन अगेंस्ट थैलेसीमिया हमारे लिए रक्तदान शिविर लगाती है। कई बार इन शिविरों में गायक नरेंद चचंल आए थे। उन्होंने लोगों से रक्तदान की अपील की है। 

    पार्थ कुमार। 

    यहां जाने नरेंद्र चंचल के परिवार के बारे में

    बता दें कि नरेंद्र चंचल के पिता का नाम चेत राम खरबंदा है। वहीं उनकी मां का नाम कैलाशवती और उनकी पत्‍नी का नाम नम्रता चंचल है। बचपन में वह शरारती थे इसलिए उनका नाम चंचल पड़ गया। वह संगीत के काफी शौकीन थे। बचपन से ही उन्‍हें गाने का शौक रहा। हालांकि उनके पिता ने कभी इसके लिए लिए नहीं रोका। पिता का मानना था कि नरेंद्र की जो इच्‍छा हो वह करे जिस काम में दिल लगे वही करना चाहिए।  

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