Water Conservation: फरीदाबाद-गुरुग्राम में अब बचेगा कल के लिए जल, ये मास्टर प्लान होगा लागू
फरीदाबाद और गुरुग्राम में पेयजल आपूर्ति और जल संरक्षण के लिए एक मास्टर प्लान लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत भूजल स्तर को बचाने के लिए कई उपाय किए जाएंगे जिसमें यमुना किनारे तालाब बनाना सीवर के पानी का सदुपयोग करना और अरावली की तलहटी में जलाशय बनाना शामिल है। इस योजना से दोनों शहरों के लोगों को भरपूर पेयजल मिलेगा और जल संसाधनों का संरक्षण भी होगा।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। फरीदाबाद-गुरुग्राम में आमजन को भरपूर पेयजल आपूर्ति मुहैया कराने, सीवर के पानी का सदुपयोग करने का मुद्दा गुरुग्राम स्थित जीएमडीए के कार्यालय में हुई बैठक में उठा। बैठक में फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में चर्चा का मुख्य विषय भूजल स्तर बचाने के लिए बनाए गए मास्टर प्लान था।
हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन व प्रबंधन) प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए श्रीनिवास अधिकारियों संग भाग लेने गए थे। दोनों जिलों के अधिकारियों ने बताया कि किस तरह से जल संरक्षण किया जा सकता है। चेयरपर्सन ने भूजल स्तर के मामले को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए।
जल संरक्षण का काम धरातल पर उतारने के मिले आदेश
साथ ही स्पष्ट कहा कि एक महीने में इसकी पूरी रिपोर्ट दी जाए कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है। क्या-क्या योजनाएं बन गई हैं और वह किस स्तर पर हैं। हर हाल में जल संरक्षण का काम धरातल पर उतारा जाए। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए श्रीनिवास ने आश्वस्त किया कि कई बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है।
जल्द काम शुरू हो जाएगा। बता दें फरीदाबाद में यमुना किनारे तालाब बनाने की योजना है। इससे रेनवाल पूरे साल रिचार्ज हो जाएंगे और शहर को पानी की समस्या से राहत मिलेगी। वैसे भी मानसून में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। दाएं-बाएं इसके सदुपयोग के लिए कुछ नहीं किया गया है।
इसलिए यहां से पानी बहकर आगे निकल जाता है। फिर बाकी सालभर यमुना नदी में बहुत कम पानी बहता है। इसलिए यमुना नदी के बढ़े हुए जलस्तर के संरक्षण की योजना है।
गंदे पानी का होगा सदुपयोग
एफएमडीए के मुख्य अभियंता विशाल बंसल ने बैठक में बताया कि प्रतापगढ़ में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से साफ हुए 100 एमएलडी के पानी के सदुपयोग को लेकर एफएमडीए और माइक्रो इरीगेशन एवं कमांड एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (मिकाडा) संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।
इस पानी को अरावली की तलहटी तक ले जाकर बड़े जलाशय में संरक्षित किया जाएगा। रजवाहों के माध्यम से इस पानी से 26 हजार एकड़ जमीन की सिंचाई की भी तैयारी है। योजना पर करीब 100 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।
यहां बनेंगे तालाब फरीदाबाद में पूरा शहर पेयजल यमुना नदी किनारे 22 रेनीवेल और 1500 ट्यूबवेलों से मिलता है। रेनीवेल का भूजल स्तर गिरता जा रहा है। तालाब बनाने के लिए अल्लीपुर तिलोरी और कांवरा गांव की 50 एकड़ पंचायती जमीन का चयन किया गया है।
इससे पहले एफएमडीए चांदपुर व इमामुद्दीनपुर की 40 एकड़ जमीन पर तालाब बनाने की योजना बना चुका है। रक्षा मंत्रालय से तिलपत शूटिंग रेंज में 250 एकड़ जमीन मिली है। इस पर जलाशय बनाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है।
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