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    Faridabad News : फ्लैटों की रजिस्ट्री में खूब गोलमाल, नोटिस भेजने का चल रहा खेल; इन अधिकारियों पर गरेगी गाज

    By Susheel Bhatia Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 04 Mar 2025 06:06 PM (IST)

    फरीदाबाद में लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों पर लगाम नहीं लग पा रही है। नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी सिर्फ नोटिस भेजकर औपचारिकता निभा रहे हैं। मिलीभगत के कारण कार्रवाई नहीं हो पा रही है। फ्लैटों की रजिस्ट्री में भी जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। दलाल और तहसीलदार मिलकर यह खेल खेल रहे हैं। राजस्व विभाग के कई अधिकारी भी इसमें फंस सकते हैं।

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    फरीदाबाद में अवैध निर्माण और फ्लैट रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। नगर योजनाकार विभाग द्वारा लाइसेंस प्राप्त कालोनियों में अवैध निर्माण चल रहा है। रिहायशी कालोनियों में व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। इस मामले की जानकारी विभागीय अधिकारियों को है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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    अधिकारी सिर्फ नोटिस भेजकर औपचारिकता निभा रहे हैं। इसमें भी मिलीभगत की आशंका है। नौ फरवरी को जिला नगर योजनाकार प्रवर्तन विभाग ने ग्रीनफील्ड, इंद्रप्रस्थ व एराज गार्डन की करीब 250 दुकानों के बाहर नोटिस चिपकाकर 10 दिन का समय दिया था।

    अब इस नोटिस को दिए एक माह होने जा रहा है, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। दरअसल, मिलीभगत के कारण ही ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं हो पाती है। इसलिए इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक नहीं लग पाती है।

    अवैध रूप से बन गए फ्लैट

    नगर योजनाकार विभाग द्वारा लाइसेंस प्राप्त इन कॉलोनियों में अवैध निर्माण कोई नई बात नहीं है। ऐसे निर्माण 15 साल से चल रहे हैं। अफसरों के उदासीन रवैये के कारण समय रहते इन पर कार्रवाई नहीं हो सकी। इसलिए निर्माण बढ़ता ही गया।

    अब लगभग सभी कॉलोनियों में ऐसे अवैध निर्माण हैं। समय-समय पर दिखावे के लिए कुछ कार्रवाई भी हुई, लेकिन उसका असर नहीं दिखा। नोटिस भेजे जाते हैं, लेकिन फिर कार्रवाई करना भूल जाते हैं। बिल्डरों द्वारा अवैध फ्लैट बनाए गए और उनकी रजिस्ट्री तहसीलदारों द्वारा कर दी गई, लेकिन इसका नुकसान आम लोगों को उठाना पड़ेगा।

    जब फ्लैट अवैध हैं, तो उनकी रजिस्ट्री कैसे हो गई। इस मामले की जांच नहीं होती। सब कुछ मिलीभगत से चल रहा है। इतना ही नहीं, इन रिहायशी कॉलोनियों में व्यावसायिक गतिविधियां भी चल रही हैं।

    क्या है नियम

    नियमों के तहत किसी रिहायशी मकान के ग्राउंड फ्लोर के कुल कवरेज एरिया के 25 फीसदी हिस्से में गैर-उपद्रव गतिविधियां संचालित करने की अनुमति ली जा सकती है।

    इन गतिविधियों में प्रॉपर्टी डीलर, वकील, सीए, डॉक्टरों के क्लीनिक, ठेकेदार परामर्श आदि शामिल हैं। कुछ मकान मालिकों ने शोरूम, जिम, बुटीक और हेयर सैलून आदि बना रखे हैं। लेकिन उन्होंने इसके लिए अनुमति नहीं ली है।

    रजिस्ट्री में जमकर फर्जीवाड़ा

    फ्लैटों की रजिस्ट्री में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। दलाल और तहसीलदार मिलकर यह खेल खेल रहे हैं। हाल ही में आईपी कॉलोनी में फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आया था। इसकी शिकायत जिला उपायुक्त विक्रम सिंह को दी गई है।

    यहां से मामले की जांच अतिरिक्त उपायुक्त के पास आ गई है। उधर, मामले में फजीहत से बचने के लिए राजस्व विभाग ने भी थाना सेंट्रल में इस फर्जीवाड़े का केस दर्ज करा दिया है। अगर मामले की गहनता से जांच होती तो यह बड़ा मामला निकलता।

    फंसेंगे राजस्व विभाग के कई अधिकारी

    साथ ही राजस्व विभाग के कई अधिकारी भी फंस सकते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। आरटीआई कार्यकर्ता केतन सूरी ने बताया कि आईपी कॉलोनी में एक प्लॉट की फर्जी कंप्लीशन सर्टिफिकेट के सहारे रजिस्ट्री कर दी गई है। यह रजिस्ट्री तहसील में आंख बंद कर मिलीभगत के चलते कर दी गई।

    इसमें प्लॉट का एरिया भी काफी कम दिखाया गया, जिससे स्टांप ड्यूटी के रूप में राजस्व का नुकसान हुआ। केतन सूरी ने बताया कि शिकायत तो दे दी गई है, लेकिन कार्रवाई होने की उम्मीद काफी कम है।

    नहीं, ऐसा नहीं है। हम सभी नगर निगम में व्यस्त थे, इसलिए आगे की कार्रवाई नहीं कर पाए। अब यहां जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

    -राहुल सिंगला, डीटीपीई

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