Terrorist Arrest: खेत में कैसे मिला आतंकी को ठिकाना, सवालों के घेरे में पुलिस; राम मंदिर पर हमले की रच रहा था साजिश
फरीदाबाद के पाली गांव में रविवार देर शाम पकड़े गए आतंकी अब्दुल रहमान को पलवल एसटीएफ की टीम ने जिला अदालत में इलाका मजिस्ट्रेट संचिता सिंह के समक्ष पेश कर दस दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। वह राम मंदिर पर हमले की साजिश रच रहा था। पाली गांव के खेत में उसे ठिकाना कैसे मिला इसे लेकर स्थानीय पुलिस सवालों के घेरे में है।
दीपक पांडेय, फरीदाबाद। आतंकी अब्दुल रहमान ने पुलिस और लोगों की निगाह से बचने के लिए पाली गांव के खेतों में बने कोठरे को अपना ठिकाना बना रखा था। खेत पर बिजली की व्यवस्था नहीं होने से रात में अंधेरा रहता है। वहां जाने के लिए ठीक से रास्ता भी नहीं है। इसलिए आतंकी ने इस जगह को चुना और आराम से तीन दिन तक रहा।
सूत्रों की मानें तो ये आतंकी अयोध्या में राम मंदिर पर हमले की साजिश रच रहा था। हालांकि, एक-दो गांव वालों की उस पर नजर पड़ी थी, लेकिन शराबी समझकर उससे पूछताछ नहीं की। यदि गांव के लोग भी सजग होते तो उसे पहले ही दिन पकड़ा जा सकता था।
पाली गांव के खेत पर ट्यूबवेल का कोठरा, जहां आतंकी अब्दुल रहमान रहता था। फोटो- जागरण
गुजरात और हरियाणा STF ने रविवार को दबोचा
वहीं उसके रहने की फरीदाबाद पुलिस और सीआइडी का खुफिया तंत्र को कोई जानकारी नहीं मिल सकी। यह भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। गांवों में पुलिस का मजबूत सूचना तंत्र होता है। चौकीदारों के अलावा कुछ मुखबिर भी होते है, जो आपराधिक व संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत थाने में देते हैं।
गुजरात और हरियाणा एसटीएफ की पलवल विंग ने रविवार को आतंकी को खेत से दबोचा। सवाल उठता है कि फरीदाबाद सीआइडी का निगरानी तंत्र क्या कर रहा था। किसी भी अधिकारी के पास इसका जवाब नहीं है।सवाल सीआइडी की सक्रियता पर भी है। एनआइटी क्षेत्र के अंतर्गत पाली पुलिस चौकी आती है।
इस क्षेत्र में छह सीआइडी कर्मियों की ड्यूटी है, जिनकी जिम्मेदारी गांव से लेकर शहर की पल-पल की जानकारी एकत्र करके आला अधिकारियों को देनी होती है। सीआइडी का नेटवर्क और सूचना तंत्र दूसरे राज्यों में भी रहता है। इस मामले ने साफ कर दिया है कि फरीदाबाद सीआइडी और पुलिस का सूचना तंत्र मजबूत नहीं है।
शराबी समझकर ग्रामीणों ने नहीं की थी पूछताछ
पाली चौक के भीड़ वाले इलाके से खेत में बना यह कोठरा करीब दो किलोमीटर की दूरी पर है। कोठरे में दीवार पर एक बंद घड़ी टंगी मिली है, जिसकी सुई साढ़े तीन बजे पर रुकी हुई थी।
पुलिस के अनुसार आतंकी को कोठरे के समीप ही खेत वाले रास्ते से पकड़ा गया। पाली गांव के निवासी कल्लू भड़ाना और चंद्रपाल ने बताया कि सोहना रोड से खेतों की तरफ जाते समय उन्हें कोठरे में एक व्यक्ति दिखाई दिया था, लेकिन उन्होंने यही समझा कि कोई शराबी है। इसलिए उन्होंने पूछताछ नहीं की, क्योंकि गांव में पहले ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है।
पाली गांव में करीब 10 हजार की आबादी रहती है। सरपंच रघुवीर ने बताया कि जिस कोठरे से आतंकी पकड़ा गया है, वह मुख्य सड़क से 200 मीटर अंदर की तरफ है। कोठरे में रह रहे रहमान को किराएदार समझकर भी उसकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।
डीसीपी एनआइटी कुलदीप सिंह ने कहा कि मामला एसटीएफ के पास है। वह कुछ नहीं बोलेंगे। पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि उन्हें आतंकी के बारे में इनपुट मिला था। अब सवाल यह है कि जब स्थानीय पुलिस को पता था तो उसे समय पर गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
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किसके इशारे पर काम कर रहा था?
अयोध्या के मिल्कीपुर गांव के मूल निवासी अब्दुल रहमान पुत्र अबुबकर से पुलिस अब पूछताछ करेगी कि उसकी क्या योजना थी और किसके इशारे पर काम कर रहा था। पलवल एसटीएफ ने गुजरात पुलिस के साथ मिलकर आतंकी को काबू किया था तो उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुए थे।
पुलिस रिमांड अवधि में यह भी पूछेगी कि यह गोला बारूद कहां से आया। यह बता दें कि अब्दुल रहमान 27 फरवरी से पाली गांव में फार्म हाउस के पास ट्यूबवेल के लिए बने कोठरे में छिपकर रह रहा था।
नाम बदलकर रह रहा था शख्स
ट्यूबवेल मालिक का कुछ समय पहले ही निधन हो गया था और यह सुनसान पड़ा रहता था। गुजरात पुलिस आतंकी की लोकेशन के आधार पर उसे ढूंढते हुए यहां पहुंची थी और हरियाणा एसटीएफ की मदद मांगी थी। हरियाणा एसटीएफ की पलवल टीम को गुजरात पुलिस के साथ लगाया गया था और इसके बाद उसे पकड़ा गया था।
आरोपित यहां पर शंकर के नाम से रह रहा था। पकड़े जाने के बाद रविवार गुजरात पुलिस उसे आवश्यक पूछताछ करने के इरादे से अज्ञात स्थान पर ले गई थी, इसके बाद उसे पलवल एसटीएफ के हवाले कर दिया। पुलिस आयुक्त सतेंद्र गुप्ता ने रिमांड की पुष्टि की।
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