डेढ़ लाख की रिश्वत लेते जेई रंगे हाथों गिरफ्तार, ठेकेदार के सामने रखी थी लाखों रुपये की डिमांड
फरीदाबाद में एंटी करप्शन ब्यूरो ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के जेई नरेश कुमार को शराब ठेकों को न तोड़ने के बदले रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। ठेकेदार गोपाल ने शिकायत दर्ज कराई कि जेई ने छह लाख रुपये की मांग की थी लेकिन सौदा पांच लाख में तय हुआ। ब्यूरो ने जाल बिछाकर जेई को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते सेक्टर-12 के पास पकड़ा।

प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। फरीदाबाद में शराब ठेकों को न तोड़ने की एवज में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के एक जेई को एंटी करप्शन ब्यूृरो ने डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। उसने इस काम के लिए छह लाख मांगे थे, लेकिन पांच लाख में सौदा तय हो गया।
ठेकेदार ने इसकी सूचना व शिकायत ब्यूरो को दी। ब्यूरो ने जाल फैलाकर उसे सेक्टर-12 स्थित पेट्रोल पंप के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जा सकता है।
ब्यूरो पता करेगी कि रिश्वत वाले मामले में और कौन-कौन शामिल हैं। इसमें और भी अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं क्योंकि जेई अपने स्तर पर यह रिश्वत नहीं ले रहा होगा। फिलहाल ब्यूरो उससे पूछताछ कर रही है।
शराब ठेकेदार गोपाल ने ब्यूरो को दी शिकायत में बताया कि उसने और पार्टनरों ने जिले में छह शराब के ठेके लिए हुए हैं। शराब ठेके चलाने के लिए उसने अशोका एन्क्लेव, मलेरना गांव व शाहपुर जाटा चौक पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से व अन्य तीन दुकान बजरंग चौक, ऊंचा गांव व मलेरना रोड पर निजी लोगों से किराये पर ली थी। शाहपुर जाटा चौक व मलेरना गांव की दो दुकानों में खुले शराब ठेकों को हटाने के लिए प्राधिकरण ने उसे नोटिस भेजा था।
वहीं, इस संबंध में वह प्राधिरकण के जेई नरेश कुमार से मिला। उसने ठेका चलाने और दुकानों को न तोड़ने की एवज में प्रति दुकान तीन-तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी। लेकिन उसने रिश्वत नहीं दी तो जेई नरेश कुमार ने 19 अगस्त को दोनों दुकानें तोड़ दी थी। इसके बाद वह फिर से प्राधिकरण पहुंचा और जेई से मिला।
यह भी पढ़ें- फरीदाबाद में बाढ़ ने मचाई तबाही, 20 से ज्यादा गांवों का टूटा संपर्क; हर तरफ मचा हाहाकार
जेई ने उससे कहा कि यदि पैसे नहीं दिए तो वह अशोका एन्क्लेव और ऊंचा गांव में शराब ठेकों को भी तोड़ देगा। उसने दुकान न तोड़ने के लिए छह लाख मांगे। बाद में पांच लाख रुपये में सौदा तय हो गया। लेकिन पीड़ित ने एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत देकर जेई को डेढ़ लाख की रिश्वत देते हुए पकड़वा दिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।