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    सर्किल रेट अपडेट न होने से रजिस्ट्री ऑफिस में भटक रहे लोग, बाबूओं की सुस्त कार्यशैली से राजस्व को भी घाटा

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 02:03 PM (IST)

    फरीदाबाद तहसील में नए सर्किल रेट अपलोड होने के कारण रजिस्ट्री का काम रुका हुआ है। सरकारी कर्मचारियों की सुस्त कार्यशैली से आमजन परेशान हैं क्योंकि रजिस्ट्री क्लर्क सेक्टर-12 में हैं और लोग सुबह से तहसील में इंतजार कर रहे हैं। रजिस्ट्री कब शुरू होगी इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है और राजस्व का नुकसान हो रहा है।

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    रजिस्ट्री शाम तक होगी भी या नहीं यह भी किसी को जानकारी नहीं।

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सरकारी कर्मचारियों की सुस्त कार्यशैली आमजन पर भारी पड़ जाती है। सरकार को भी राजस्व का नुकसान होता है। जिले में भी इन दिनों कुछ यही देखा जा रहा है। दरअसल, अभी तक तहसील के कंप्यूटरों पर नये सर्किल रेट अपलोड करने का काम चल रहा है। इसके चलते तहसील में अभी तक कोई रजिस्ट्री नहीं की गई है। रजिस्ट्री क्लर्क अभी सेक्टर-12 फरीदाबाद में है। लोग रजिस्ट्री करने के लिए सुबह से आकर तहसील परिसर में बैठे हुए हैं। रजिस्ट्री शाम तक होगी भी या नहीं यह भी अभी तक किसी ने इन लोगों को नहीं बताया है।

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    क्या है पूरा मामला?

    दरअसल, हरियाणा सरकार ने सूबे में सर्किल रेट में बढ़ोतरी कर दी है। यह नया रेट 1 अगस्त 2025 से लागू कर दिया गया है। मगर रजिस्ट्री कार्यालय में सिस्टम पर यह रेट अपडेट ही नहीं किये गए हैं। नए रेट में जो बदलाव हुए हैं, उसमें जगह के आधार पर 5 फीसदी से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है।

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    सर्किल रेट बढ़ने का सीधा असर यह है कि अब गुरुग्राम, फरीदाबाद, बल्‍लभगढ़ जैसे दिल्‍ली से सटे इलाकों में लोगों को जमीन की रजिस्‍ट्री के लिए ज्‍यादा फीस चुकानी होगी। इसकी वजह ये है कि यहां प्रॉपर्टी के रेट अन्‍य शहरों के मुकाबले ज्‍यादा हैं। 

    क्या होता है सर्किल रेट?

    बता दें कि सर्किल रेट वह न्यूनतम कीमत होती है, जिस पर किसी जमीन या प्रॉपर्टी को बेचा जा सकता है। यानी इसे यह कहें कि उक्त रेट से कम कीमत पर जमीन नहीं बेची जा सकती है। यह सर्किल रेट जिला प्रशासन तय करता है। बाजार के रेट मांग और आपूर्ति पर निर्भर करते हैं, लेकिन सर्किल रेट कानूनी रूप से तय होते हैं। सर्किल रेट बढ़ने से घर या प्लॉट के दाम बढ़ जाते हैं। बता दें कि प्रदेश में सर्किल रेट को ही कलेक्टर रेट भी कहा जाता है।

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