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    Faridabad News: आदेश जारी होते ही विरोध शुरू, अध्यापक नहीं भरेंगे टीचर डायरी

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 12:50 AM (IST)

    फरीदाबाद के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन शिक्षक डायरी भरने में दिखाई जा रही अनिच्छा से शिक्षा निदेशालय नाराज है। स्कूल प्रमुखों को अब यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। शिक्षक संघ इसका विरोध कर रहा है क्योंकि उनका कहना है कि इससे समय बर्बाद होता है। शिक्षकों का कहना है कि पोर्टल ठीक से काम नहीं करता जिससे परेशानी होती है।

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    ऑनलाइन शिक्षक डायरी भरने में दिखाई जा रही अनिच्छा से शिक्षा निदेशालय नाराज है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सरकारी स्कूलों के शिक्षक ऑनलाइन शिक्षक डायरी भरने में अरुचि दिखा रहे हैं, जिससे शिक्षा निदेशालय खासा नाराज है। निदेशालय ने एक नया आदेश जारी कर स्कूल प्रमुख को रोजाना डायरी भरने की जिम्मेदारी सौंपी है।

    इस बीच, शिक्षक संघ ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि शिक्षक डायरी भरने में शिक्षकों का समय बर्बाद होता है।

    गौरतलब है कि शिक्षा निदेशालय ने सबसे पहले 8 अप्रैल को शिक्षक डायरी ऑनलाइन भरने के आदेश जारी किए थे। लेकिन शिक्षकों ने नाराजगी जताई और आदेशों की अवहेलना की।

    इसके बाद, 16 अप्रैल को शिक्षक संघ सड़कों पर उतर आया और विरोध प्रदर्शन करते हुए आदेश वापस लेने की मांग की और विरोध में डायरी भरने से इनकार कर दिया। अब शिक्षक डायरी भरने के नए आदेश से शिक्षकों में नाराजगी बढ़ गई है।

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    ऑनलाइन डायरी भरने में लगता है आधे घंटे से अधिक समय

    शिक्षकों ने बताया कि ऑनलाइन डायरी भरने में हर दिन आधे घंटे से ज़्यादा समय लगता है। इसका मुख्य कारण पोर्टल का बार-बार बंद रहना है। पोर्टल ठीक से काम न करने के कारण शिक्षक अपनी डायरी नहीं भर पा रहे हैं।

    सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर प्रशासनिक और कागजी कार्रवाई का बोझ बढ़ता जा रहा है, जबकि उनकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। उनका ज़्यादातर समय ऑनलाइन शिक्षक डायरी भरने और अन्य कार्यों में ही बीतता है।

    कई स्कूलों में पहले से ही स्टाफ की भारी कमी है, और यह अतिरिक्त काम शिक्षण प्रक्रिया को और बाधित करता है।

    सरकार और शिक्षा विभाग को बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। हालाँकि, शिक्षकों पर अतिरिक्त कागजी कार्रवाई और गैर-शैक्षणिक कार्यों का बोझ है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, फिर भी बीएलओ ड्यूटी और शिक्षक डायरी जैसे आदेश जारी किए जा रहे हैं। हम इस आदेश का विरोध करते हैं और एक बार फिर सड़कों पर उतरकर अपना रोष व्यक्त करेंगे।

    -चतर सिंह, अध्यक्ष, हरियाणा प्राथमिक शिक्षक संघ

    शिक्षा निदेशालय को जारी आदेशों पर पुनर्विचार करना चाहिए। इससे शिक्षकों का समय बर्बाद हो रहा है। शिक्षक ऑफलाइन डायरी बनाते हैं। फिर भी, ऑनलाइन डायरी भरने का आदेश शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। ऐसे आदेशों के कारण शिक्षक अपने छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं।

    -रघु वत्स, अध्यक्ष, अतिथि शिक्षक संघ।

    शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी आदेशों का सभी को पालन करना होगा। सभी शिक्षकों के लिए शिक्षक डायरी भरना अनिवार्य है। आदेशों का पालन न करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

    -डॉ. मनोज मित्तल, उप जिला शिक्षा अधिकारी।