बेटे ने जिंदा बाप की ढोल-नगाड़े बजाकर निकाली थी शोकयात्रा, अब ग्रामीण और पुलिस दोनों में करा रहे समझौता
बल्लभगढ़ के पन्हैड़ा कलां में एक बेटे ने अपने जिंदा पिता को मृत बताकर शोक मनाया जिससे विवाद हो गया। पिता नौ महीने से बेटे के डर से छिप रहे थे। ग्रामीणों की मध्यस्थता के बाद पुलिस ने पिता-पुत्र को सोचने के लिए एक दिन का समय दिया है कि वे साथ रहना चाहते हैं या नहीं। पुलिस का कहना है कि जो भी फैसला होगा वही मान्य होगा।

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़। पन्हैड़ा कलां में एक बेटा अपने जिंदा पिता को मृत घोषित कर शोक व्यक्त कर रहा है। इसे लेकर पिता-पुत्र में विवाद हो गया है। अब इस विवाद में ग्रामीणों के कहने पर पुलिस ने एक दिन का समय दोनों को सोचने के लिए दिया है। यदि बाप-बेटा एक साथ रहने के लिए दोनों सहमत नहीं हो पाते हैं तो फिर पुलिस इस मामले में आगे कार्रवाई करेगी।
पन्हैड़ा कलां के रहने वाले राजेंद्र देव ने अपने पिता लालचंद को मृत बताकर उसका बैठ कर शोक व्यक्त कर रहे थे। उसने पिता के मरने को लेकर रविवार को गांव में गाजे-बाजे ढोल-नगाड़े से नाचते हुए शोक यात्रा भी निकाली थी।
बेटे के डर से अलीगढ़ में था छुपा
इसके बारे में ग्रामीणों ने पिता लालचंद को बता दिया तो उसने अपना वीडियाे प्रसारित कर दिया कि वह अभी तक जिंदा है। वह अपने बेटे के डर से नौ महीने से किसी परिचित के पास अलीगढ़ उत्तर प्रदेश में छुप कर रह रहा था।
इसके बाद लालचंद मंगलवार को गांव आ गया। जिंदा पिता को मृत बताने पर ग्रामीण राजेंद्र देव से नाराज हो गए और उसे मारने पर उतारू हो गए। ग्रामीणों के डर से राजेंद्र देव ने थाना छांयसा पुलिस को बुला लिया। पुलिस राजेंद्र देव को थाने ले गई। ग्रामीण भी लालचंद को लेकर थाने पहुंच गए।
पिता ने कहा- मेरी जान को खतरा
इस मामले में पुलिस ने लालचंद और राजेंद्र देव की पूरी कहानी सुनी। अंत में थाना छांयसा प्रभारी रणधीर सिंह ने राजेंद्र देव से पूछा कि वह अपने पिता को साथ क्यों नहीं रखता तो उसने कहा कि वह पिता को साथ रखने के लिए तैयार है। तभी पिता लालचंद ने कहा कि वह अपने बेटे के साथ नहीं रह सकता, क्योंकि उसे डर है कि यह उसे मार देगा।
पिता ने पुलिस से कहा कि उसे तो बेटे से हर महीने खर्चा दिलवाया जाए। इस बारे में ग्रामीणों ने कहा कि बाप-बेटा को इस मामले में एक दिन सोचना का समय दे दिया जाए कि वह साथ रहना चाहते हैं या पिता खर्च लेना चाहता है। उसके बाद लालचंद जो भी कहेगा वही फैसला मान्य होगा। थाना प्रभारी रणधीर सिंह का कहना है कि उन्होंने इस मामले में ग्रामीणों के कहने पर एक दिन का समय सोच-विचार करने के लिए दे दिया है।
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