बेटे ने मरा बताकर गांव में कर दी शोक सभा, पिता ने वीडियो जारी कर कहा- मैं अभी जिंदा हूं, डर से छिपा था
फरीदाबाद के पन्हैड़ा कलां गांव में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। एक बेटे ने अपने बूढ़े पिता को मरा हुआ बताकर शोक सभा की जबकि पिता अलीगढ़ में छिपे थे। पिता ने वीडियो जारी कर सच्चाई बताई जिसके बाद ग्रामीण गुस्से में आ गए। बेटे का कहना है कि पिता का अपहरण हो गया था जबकि पिता ने मारपीट के डर से छिपने की बात कही।

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़। पन्हैड़ा कलां गांव में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। एक बेटे ने अपने वृद्ध पिता को मृत घोषित कर उसकी शोक सभा तक कर दी।
जब इसकी जानकारी पिता को लगी तो उसने वीडियो प्रसारित करके कहा कि वह अभी जिंदा है। बेटा से डर कर अलीगढ़ में अपने किसी जानकार के पास छुप कर रहता है।
जिसके बाद ग्रामीणों ने पिता को बुला लिया। बाप की कहानी को सुनकर ग्रामीण बेटे से मारपीट करने लगे तो उसने पुलिस को बुला लिया।
ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसान पन्हैड़ा कलां गांव रहने वाले योगी राजेंद्र देव ने सन 2010 में सन्यास धारण किया था। उसके बाद उन्होंने गांव में ही एक वृद्ध आश्रम बना लिया।
राजेंद्र देव अपने पिता लालचंद का इकलौता बेटा है। पिता लालचंद ने अपनी सारी संपत्ति बेटे के नाम कर दी थी। पिता का आरोप है कि बेटा उनके साथ कई बार मारपीट कर चुका है। मारपीट और हत्या के डर से वह नौ महीने से किसी परिचित के पास अलीगढ़ में रह रहा है।
राजेंद्र देव ने रविवार को अपने पिता लालचंद की मृत्यु होने के बारे में ग्रामीणों को बताया और कहा कि उसके पिता की मौत प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान हो गई थी। उनका वह अंतिम संस्कार प्रयागराज में ही कर चुके हैं और यूपी सरकार से 25 लाख रुपये मुआवजे के मिल चुके हैं।
उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं, इसलिए वह अपने पिता की शव यात्रा गांव में निकाल रहे हैं। गांव में उन्होंने ढोल नगाड़े और पोस्टर और फ्लेक्स लगाकर अपने पिता की शव यात्रा निकाली। इसके बाद वह अपने आश्रम में बैठ गए। जहां पर लोग शोक व्यक्त करने के लिए आने लगे।
उधर, मंगलवार को राजेंद्र देव के पिता ने एक वीडियो जारी कर बताया कि वह जिंदा हैं और उनके बेटे ने झूठ प्रपंच रचकर उनको मृत घोषित किया है। वह मंगलवार दोपहर एक बजे तक गांव में पहुंच जाएंगे। लालचंद दोपहर करीब एक बजे गांव में पहुंच गए।
जहां पर गांव के लोग उनके बेटे के आश्रम पर बैठे हुए थे। इस दौरान पिता पुत्र की आपस में बात हुई। वहीं, राजेंद्र देव ने ग्रामीणों को बताया कि उन्होंने यह प्रपंच जानबूझ कर रचा है। क्योंकि कुछ लोगों ने उनके पिता को अपहरण करके रखा था।
उनके पिता के पास एक करोड़ रुपये की रकम है। जिसे अपहरणकर्ता हड़पना चाहते थे। इस पर उनके पिता ने कहा कि उनके पास एक पैसा भी नहीं है। वह सारी प्राॅपर्टी बेटे के नाम पहले ही कर चुके हैं। वह तो मारपीट और हत्या की डर की वजह से छुप कर बैठे हुए थे।
इस पर गांव वाले गुस्से में आ गए और राजेंद्र देव के साथ हाथापाई शुरू कर दी। राजेंद्र देव ने थाना छायंसा पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस मौके पर आ गई और योगी राजेंद्र देव और ग्रामीणों को थाने ले गई।
ग्रामीणों के मुताबिक योगी राजेंद्र देव की कहानी उनके गले नहीं उतर रही है। इस मामले में थाना प्रभारी रणधीर सिंह का कहना है कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच की जाएगी।
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