फरीदाबाद के वार्ड 39 में सीवर ओवरफ्लो की समस्या से लोग परेशान, ठेकेदार पर लापरवाही और निगम पर अनदेखी का आरोप
फरीदाबाद के वार्ड 39 में सीवर ओवरफ्लो की समस्या से लोग परेशान हैं। ठेकेदार की लापरवाही और निगम की अनदेखी के चलते स्वच्छता पखवाड़ा मजाक बन गया है। पार्षद नीलम बरेजा ने बताया कि बार-बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। एजेंसी के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं फिर भी निगम द्वारा उन्हें भुगतान किया जा रहा है। लोगों को गंदे पानी से गुजरना पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सीवर मेंटेनेंस का ठेका लेने वाले ठेकेदार पूरी तरह बेलगाम हो गए हैं। निगम से शिकायत के बावजूद उनकी कार्रवाई का कोई असर नहीं हुआ है और इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
ठेकेदार की लापरवाही के कारण वार्ड 39 के निवासी भी इस समय सीवर ओवरफ्लो की समस्या से जूझ रहे हैं। वार्ड पार्षद नीलम बरेजा ने निगमायुक्त को पत्र लिखकर बताया कि उनके वार्ड में स्वच्छता पखवाड़ा मजाक बनकर रह गया है।
बार-बार शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। पार्षद के अनुसार, सीवर सफाई के लिए निगम द्वारा ठेका ली गई कंपनी के पास पर्याप्त संसाधनों का अभाव है। केवल जेटिंग मशीन से सफाई हो रही है। एजेंसी के पास सुपरसकर मशीन भी नहीं है। निगम सीवर सफाई के लिए सालाना 53 लाख रुपये का भुगतान करता है।
लोगों के घरों में घुस रहा सीवर का पानी
वार्ड 39 निवासी गोल्डी बरेजा ने बताया कि त्योहारी सीजन में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। लोग गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं। कॉलोनी की निवासी निर्मला देवी ने बताया कि उन्हें मंदिर जाने के लिए रोज़ाना गंदे पानी से होकर गुज़रना पड़ता है।
ठेकेदार जहां चाहे वहां जेटिंग मशीन लगा देता है। सीवर सफाई के संबंध में नगर आयुक्त को 10 से ज़्यादा पत्र लिखे जा चुके हैं। ठेका देने वाली एजेंसी के कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं हैं। नगर निगम एजेंसी के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं करता। इसके अलावा, ज़रूरी संसाधनों के बिना किसी एजेंसी को ठेका देना भी ग़ैरक़ानूनी है।
पार्षदों को ठेकेदार के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। वे सफ़ाई कर्मचारियों का तबादला भी नहीं कर सकते। लोग उनके पास समस्याएँ लेकर आते हैं, जिससे पार्षद के लिए जवाब देना मुश्किल हो जाता है।
-नीलम बरेजा, वार्ड 39, पार्षद
वार्ड 39 में सीवर ओवरफ़्लो की शिकायत मिली है। ठेकेदार को पार्षद के साथ मिलकर समस्या का समाधान करने का आदेश दिया गया है।
-संजीव कुमार, अधिशासी अभियंता, नगर निगम
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