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    बिल्डर की मनमानी से टेंशन में 1400 लोग, अब हाईकोर्ट पहुंचा फरीदाबाद की इस VIP सोसायटी का मामला

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 01:33 PM (IST)

    सेक्टर-70 फरीदाबाद की रॉयल हेरिटेज सोसायटी में बिल्डर द्वारा सुविधाएं न दिए जाने और मेंटेनेंस हैंडओवर न करने से निवासी परेशान हैं। 1400 से ज़्यादा लोग बिजली कटौती और लिफ्ट में फंसने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। रेरा के आदेश के बावजूद बिल्डर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। निवासियों का आरोप है कि बिल्डर मेंटेनेंस चार्ज तो वसूल रहा है लेकिन सुविधाएं नहीं दे रहा।

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    मेंटेनेंस को लेकर आरडब्ल्यूए और बिल्डर हुए आमने-सामने

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। फरीदाबाद सेक्टर-70 स्थित Royal Heritage Society मामला में मेंटेनेंस एजेंसी और आरडब्ल्यूए आमने सामने आ गए हैं। दोनों का विवाद रेरा और हाइकोर्ट पहुंच चुका है।

    बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों को जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में पक्ष रखने और दस्तावेज जमा करने के लिए बुलाया गया था। निवासियों का आरोप है कि बिल्डर सोसायटी में सुविधाएं नहीं दे रहा है। मेंटेनेंस हैंडओवर करने को भी तैयार नहीं है। जिससे 1400 से ज्यादा लोगों को परेशानी हो रही हैं।

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    सोसायटी में सबसे बड़ी है लिफ्ट की समस्या

    स्थानीय निवासियों ने बताया कि सोसायटी में सबसे ज्यादा बिजली और लिफ्ट बंद होने की समस्या है। आए दिन लिफ्ट बंद होने के कारण कोई न कोई व्यक्ति फंस जाता है। बैकअप की भी सुविधा नहीं है। यहां तक की लिफ्ट में कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं, फंसने के बाद लोग चिल्लाते हैं तब जाकर कोई मदद के लिए पहुंचता है।

    आरोप है कि सोसायटी में अन्य जरूरी सुविधाओं का भी अभाव है। बिल्डर प्रति फ्लैट 3500 से 4000 रुपये (फ्लैट के साइज अनुसार) मेंटेनेंस चार्ज ले रहा है, लेकिन सुविधाएं शून्य के बराबर हैं।

    सोसायटी में बाहर के लोग बिना नंबर प्लेट की गाड़ी लेकर घूमते हैं और महिलाओं तथा लड़कियों पर छींटाकशी करते हैैं, इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। शिकायत करने बाद भी सुनवाई नहीं होती है। टोकने पर निवासियों से ही उलझ जाते हैं।

    रेरा के आदेश को नहीं माना बिल्डर और पहुंच गया हाइकोर्ट

    निवासियों और आरडब्ल्यूए की ओर से बिल्डर तथा मेंटेनेंस एजेंसी की मनमानी पर रोक लगाने व मेंटेनेंस आरडब्ल्यूए को सौंपने की गुहार लगाई गई थी।

    बीते दिनों रेरा (हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण) की ओर से आदेश दिया गया कि आरडब्ल्यूए को मेंटेनेंस हैंडओवर किया जाए। लेकिन ऐसा करने की बजाय बिल्डर आरडब्ल्यूए पर आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट चला गया।

    कोर्ट के आदेश के बाद जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में बिल्डर और आरडब्ल्यूए तथा निवासियों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था। खबर के संबंध में मेंटेनेंस हेड मुकेश से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।