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    बल्लभगढ़ की ऐतिहासिक धरोहरों को संवारने के लिए मिला अनुदान, रानी की छतरी और शाही तालाब बनेंगे पर्यटन केंद्र

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 06:01 PM (IST)

    बल्लभगढ़ की ऐतिहासिक धरोहरों को संवारने के लिए पर्यटन विभाग ने रानी की छतरी और शाही तालाब के जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ से अधिक का अनुदान मंजूर किया है। राजा नाहर सिंह महल को पहले ही पर्यटक केंद्र बनाया गया है। अब इन स्थलों को भी विकसित करके आगरा की ओर जाने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना है। पूर्व में यहाँ कार्तिक उत्सव भी आयोजित हुआ था।

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    विश्व पर्यटन दिवस : ऐतिहासिक नगरी में आकर्षण का केंद्र बनेंगे रानी की छतरी और तालाब

    सुभाष डागर, बल्लभगढ़। ऐतिहासिक नगरी का इतिहास विश्व स्तर पर बताने के लिए पर्यटन एवं पुरातत्व विरासत संस्कृति विभाग ने राजा नाहर सिंह महल को पर्यटक केंद्र बनाया है। इसी दिशा में रानी की छतरी और शाही तालाब को पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए विभाग ने एक योजना तैयार की है। इन दोनों स्थलों के सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़, छह लाख 989 रुपये का अनुदान मंजूर किया है। जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण होने के बाद आगरा की तरफ जाने वाले पर्यटकों के लिए यह केंद्र तैयार किया जाएगा।

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    चांदनी चौक में दी थी फांसी

    राजा नाहर सिंह 1857 की क्रांति के योद्धा थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ी। अंग्रेजों ने उन्हें संधि के बहाने गिरफ्तार करके नौ जनवरी 1858 को लाल कुआं चांदनी चौक में फांसी पर लटका दिया था। उनके महल को जीर्णोद्धार करके विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर-2003 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने पर्यटन केंद्र बना दिया। अब यहां पर फिल्मों और टीवी सीरियल तथा विज्ञापनों की शूटिंग होती रहती हैं। यहां पर विवाह व शादियों का भी आयोजन किया जाता है।

    कार्तिक उत्सव लगाया गया

    राजा नाहर सिंह महल को विश्व स्तर पर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने नवंबर-1996 में केंद्रीय पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्रालय, राज्य पर्यटन विभाग, युवा एवं खेल मामले मंत्रालय, जिला प्रशासन एवं बल्लभगढ़ सौंदर्यीकरण समिति के सहयोग से कार्तिक उत्सव लगाना शुरू किया था। इस उत्सव में देश के उपराष्ट्रपति डा. कृष्णकांत, तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल, तत्कालीन राज्यपाल महाबीर प्रसाद, केंद्रीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष केसी पंत, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और अनेक देशों के उच्चायुक्त व राजदूत शामिल हो चुके हैं। यह कार्तिक उत्सव 1996, 1997, 1998, 1999, 2000 तक आयोजित किया गया।

    छतरी और शाही तालाब

    राजा अनिरुद्ध की विधवा ने छतरी और तालाब का निर्माण कराया था। यह पूरी तरह से जर्जर हो गए थे। पूर्व मंत्री एवं विधायक मूलचंद शर्मा ने दोनों ऐतिहासिक स्थलों का सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार कराने के लिए सरकार से एक करोड़ 22 लाख रुपये का अनुदान मंजूर कराया और इसका जुलाई 2019 में काम शुरू कर दिया। जीर्णोद्धार का कार्य इंटेक चैप्टर फरीदाबाद की देख-रेख में फरवरी-2022 तक चला।

    सुंदरीकरण का कार्य पूरा नहीं हो पाया

    इस अनुदान से यह जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण का कार्य पूरा नहीं हो पाया। अब इस कार्य को पूरा करने के लिए प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति विरासत विभाग ने एक करोड़ छह लाख 989 रुपये का अनुदान पूर्व मंत्री एवं विधायक मूलचंद शर्मा की मांग पर फिर मंजूर किए हैं। अब दोनों ऐतिहासिक स्थलों को पूरी तरह से तैयार करके पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा। ताकि आगरा की तरफ जाने वाले पर्यटक यहां पर ठहर कर कुछ समय बिता सकें।

    पीएचडी करने में मिलेगी मदद

    "पहले हमने रानी की छतरी और तालाब का जीर्णोद्धार का काम किया था। अब पर्यटन विभाग किसी प्राइवेट विभाग से इस काम को पूरा करा रहा है। हम चाहते हैं कि रानी की छतरी का एक बोर्ड राजमार्ग पर लगाया जाना चाहिए ताकि कई लोग जो पीएचडी करते हैं, वह यहां पर आ सकें।"

    -आनंद मेहता, कन्वीनर, इंटेक, फरीदाबाद चैप्टर

    सरकार को भेजेंगे लिखित प्रस्ताव

    "हमने राजा नाहर सिंह महल को पुरातत्व विभाग के निर्देशानुसार ऐतिहासिक धरोहर के रूप में लोकप्रिय बनाने के लिए 10 दिन पहले ही सरकारी स्कूल और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की यहां पर ड्राइंग प्रतियोगिता कराई है। अब स्कूलों के छात्र यहां पर इतिहास के बारे में जानकारी लेने के लिए आते हैं। हम यहां पर पहले की तरह से कोई सांस्कृतिक मेला लगाने के लिए लिखित प्रस्ताव भेज कर सरकार से मांग करेंगे।"

    -मयंक भारद्वाज, एसडीएम बल्लभगढ़

    अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने पहचान

    "कार्तिक उत्सव जैसा कोई भी सांस्कृतिक मेला यहां पर आयोजित किया जाए, इसके लिए मैं अपनी तरफ से सरकार को एक प्रस्ताव दूंगा। बल्लभगढ़ का गौरवशाली इतिहास है। इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जाने और एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बने।"

    -मूलचंद शर्मा, पूर्व मंत्री एवं विधायक

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