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    यमुना नदी पर दो जगह पांटून पुल लगाने की तैयारी, किसानों की नाव से नदी पार करने की दिक्कत होगी दूर

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 10:25 PM (IST)

    यमुना नदी का जलस्तर घटने से फरीदाबाद के तटवर्ती गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है। लोक निर्माण विभाग नदी पर पांटून पुल बनाने की तैयारी कर रहा है जिससे किसानों को अपनी जमीनों तक पहुंचने में आसानी होगी। पिछले वर्ष भी पुल बनने से ग्रामीणों को काफी सुविधा हुई थी और इस बार शाहजहांपुर में भी पुल बनाया जाएगा।

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    यमुना पार जाना होगा आसान, जल्द लगेंगे पांटून पुल

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। यमुना नदी का जलस्तर कम होने से यह अपने घेरे में बह रही है। तटवर्ती गांव के लोगों ने इससे राहत की सांस ली है। अब नदी पार आवागमन के लिए पांटून पुल लगाने की तैयारी है। लोक निर्माण विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है और दो जगह पुल लगाने की बात विभाग ने कही है।

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    भसकौला-महावतपुर गांव से यमुना नदी बहती है। यहां पिछले साल पांटून पुल बनाया गया था। ग्रामीणों की करीब ढाई हजार बीघा जमीन नदी के पार है। वहां की बोआई से लेकर अन्य काम के लिए ग्रामीणों को रोज नाव में बैठकर नदी पार करनी पड़ती थी।

    पांटून पुल के बन जाने के बाद मुश्किल से 10 से 15 मिनट में नदी पार हो जाती है। फसल कटाई का समय आता था तो ट्रैक्टरों से कालिंदीकुंज से होकर आना पड़ता था। यह दूरी करीब 40 किलोमीटर पड़ती थी।

    इसमें ग्रामीणों को करीब ढाई घंटे लग जाते थे। समय व डीजल अधिक लगता था। कई साल से ग्रामीण गांव में पांटून पुल की मांग कर रहे थे। प्रदेश के मंत्री राजेश नागर ने यह पांटून पुल मंजूर कराया था। अब इसके दोबारा लग जाने से ग्रामीणों को राहत मिलेगी।

    शाहजहांपुर में भी लगेगा

    शाहजहांपुर गांव के पास पांटून पुल को भी लगाया जाएगा। शाहजहांपुर, अरुआ, साहूपुरा, चांदपुर के किसानों की जमीन यमुना पार उत्तर प्रदेश की तरफ पड़ती है। पुल हट जाने के बाद किसानों को यमुना पार जाने में दिक्कत होती है।

    15 जून तक रहेंगे पुल

    जिले की सीमा में प्रति वर्ष यमुना नदी पर पांटून पुल लगाए जाते हैं। इन पुलों को हर वर्ष 15 अक्टूबर के बाद लगाया जाता है। तब किसानों को खरीफ की फसल धान को खेतों से लेकर घर जाना होता है और रबी की बोआई करनी होती है। ऐसी स्थिति में किसानों को लंबी दूरी तय न करनी पड़े। इसलिए किसान पांटून पुल का उपयोग करते हैं।

    हर वर्ष इन पांटून पुलों को 15 जून के बाद हटा दिया जाता है। क्योंकि इस समय में हरियाणा के यमुना के साथ लगते जिलों में वर्षा होने से जलस्तर बढ़ना शुरू हो जाता है। कई बार तो ओखला बैराज से पानी छोड़ दिया जाता है। ऐसी स्थिति में पांटून पुल के कैप्सूल बहने की आशंका रहती है। इन कैप्सूलों को बहने से बचाने के लिए पुलों को हटा दिया जाता है।

    कुछ दिन इंतजार करना होगा

    "पांटून पुल लगाने की तैयारी हो रही है। इस बारे में ठेकेदार से बात हो गई है। पहले नदी में देखा जाएगा कि पानी अधिक तो नहीं है। यदि ज्यादा होगा तो कुछ दिन इंतजार करना होगा।"

    -प्रकाश लाल, कार्यकारी अभियंता, लोक निर्माण विभाग

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