फरीदाबाद के गौछी नाले में मौतों के बावजूद निगम की लापरवाही, इन असुविधाओं का कब होगा समाधान?
फरीदाबाद के गौछी नाले में तीन मौतों के बाद भी नगर निगम की लापरवाही जारी है। अंधेरे के कारण युवकों को बचाया नहीं जा सका क्योंकि स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। महापौर ने सुरक्षा दीवार और प्रकाश व्यवस्था सुधारने के आदेश दिए हैं लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम झूठे दावे कर रहा है और नाले के किनारे ज्यादातर लाइटें बंद रहती हैं।

दीपक पांडे, फरीदाबाद। गौछी नाले में डूबने से तीन मौतों के बाद भी नगर निगम के अधिकारी नींद से नहीं जाग रहे हैं। उनकी संवेदनहीनता इस हद तक है कि हादसे के 20 दिन बाद भी उन्होंने घटनास्थल पर फैले अंधेरे को दूर करने की ज़रूरत नहीं समझी। इसी अंधेरे के कारण तीनों युवकों को समय रहते बचाया नहीं जा सका।
गौछी नाले में मछली मार्केट के पास पुलिया के सामने लगी स्ट्रीट लाइटें पिछले छह महीने से खराब हैं। बचाव अभियान में शामिल लोगों का कहना है कि अगर नाले में पर्याप्त रोशनी होती, तो तीनों युवकों को समय रहते देखा जा सकता था। एक युवक ने नाले से बाहर निकलने के लिए हाथ भी बढ़ाया, लेकिन अंधेरे के कारण उसे दिखाई नहीं दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
घटनास्थल के ठीक सामने एक स्ट्रीट लाइट लगी है, जो पिछले छह महीने से खराब है। 29 अगस्त को गौछी नाले में गिरने से तीन युवकों की मौत हो गई थी। इन युवकों में पवन मोर्या, अमित झा और गौरव राजपूत शामिल थे।
इस घटना के बाद लोगों ने नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही पर रोष जताया। दुर्घटना के बाद, उसी स्थान पर एक महिला अपनी बेटी के साथ नाले में कूद गई। हालाँकि, समय रहते लोगों ने माँ और बेटी दोनों को बचा लिया, जिससे उनकी जान बच गई।
4 सितंबर को, महापौर प्रवीण जोशी ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ वार्ड 4 स्थित दुर्घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने दोनों तरफ सुरक्षा दीवार बनाने और प्रकाश व्यवस्था में सुधार करने के आदेश दिए। नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि दिवाली तक शहर की स्ट्रीट लाइटें ठीक कर दी जाएँगी और मरम्मत का काम चल रहा है।
हर दिन पांच हजार से अधिक वाहन चालक नाले से होकर गुजरते हैं
पर्वतीय कॉलोनी, संजय कॉलोनी और जवाहर कॉलोनी में रहने वाले लोग हार्डवेयर चौक होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुँचने के लिए इसी सड़क का इस्तेमाल करते हैं। हर दिन पाँच हज़ार वाहन चालक नाले से होकर गुज़रते हैं। अंधेरे के कारण, अक्सर वाहन टकराते रहते हैं।
गौछी नाले के किनारे लगी ज़्यादातर लाइटें रात में नहीं जलतीं, जिससे नाला क्षेत्र पूरी तरह से अंधेरे में रहता है। अगर उस दिन दुर्घटनास्थल पर लाइटें जल रही होतीं, तो तीनों युवकों की जान बच सकती थी।
-रोहताश
नगर निगम स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत के झूठे दावे कर रहा है। मछली मार्केट से सोहना रोड तक नाले के किनारे लगी 30 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें काम नहीं कर रही हैं।
-मुकेश शर्मा, पूर्व वरिष्ठ उप महापौर
स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत कर दी गई है। अगर वे फिर से खराब होती हैं, तो उन्हें सोमवार को ठीक करवा दिया जाएगा। इसके अलावा, सभी स्ट्रीट लाइटों की दोबारा जाँच भी करवाई जाएगी।
-संगीता भारद्वाज, पार्षद, वार्ड 4
मुझे स्ट्रीट लाइटों के खराब होने की कोई शिकायत नहीं मिली है। हालाँकि, निगम ने नाले के किनारे दीवार और सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव तैयार किया है। इस दौरान खराब स्ट्रीट लाइटों को भी बदल दिया जाएगा।
-हरीश कुमार, अधिशासी अभियंता, नगर निगम
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