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    किससे हटवाए? अतिक्रमण हटाने वाले ही पूछ रहे, दस माह से अटका मोहना रोड फोर लेन प्रोजेक्ट

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 10:39 PM (IST)

    फरीदाबाद के अटाली गांव में अतिक्रमण के कारण मोहना रोड को चार लेन बनाने का काम बाधित है। पीडब्ल्यूडी की जमीन पर बने मकानों को ग्रामीण हटाने को तैयार नहीं हैं। 71 करोड़ की इस परियोजना में केजीपी से औद्योगिक क्षेत्र का संपर्क सुगम होना था लेकिन अतिक्रमण के कारण काम अटका हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही इस मामले में उचित कदम उठाएंगे।

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    मोहना रोड चार लेन बनाने की योजना को लगा अतिक्रमण का ग्रहण।

    सुभाष डागर, बल्लभगढ़। केजीपी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाले मोहना रोड को चार लेन बनाने की योजना को अटाली गांव में अतिक्रमण का ग्रहण लग गया है। यहां पर लोक निर्माण विभाग(पीडब्ल्यूडी) की भूमि से ग्रामीण अपने अतिक्रमण को हटाने के लिए तैयार नहीं है।

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    मार्ग को चार लेन बनाने वाले ठेकेदार ने स्पष्ट कह दिया है कि जब तक यहां पर अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा, वह मार्ग को चार लेन नहीं बनाएगा। योजना को सिरे चढ़ाने का दायित्व हरियाणा राज्य सड़क एवं पुल निर्माण निगम का है, पर अधिकारी अतिक्रमण हटवाने में कोई रुचि नहीं ले रहे।

    इसका प्रभाव यह पड़ रहा है कि जिस योजना को दो साल में सिरे चढ़ जाना चाहिए था, वह तीसरा साल बीतने के बाद भी अधूरी पड़ी है और इसक खामियाजा इस बेहद महत्वपूर्ण मार्ग से निकलने वाले वाहन चालकों को और आसपास स्थित गांवों के ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है।

    औद्योगिक नगरी का केजीपी से आवागमन के लिए मोहना रोड एक मात्र रास्ता है। जिले में 30 हजार उद्योग हैं। सभी उद्योगों में आने वाला कच्चा माल और तैयार होने के बाद माल का आवागमन इसी रास्ते से होता है। रात को एक ट्रक ही गांव में संकरी सड़क होने के कारण जाम लगा देता है।

    मोहना रोड जब डबल लेन था तो विवाह-शादियों के दौर में एक ट्रक फंस जाने के कारण रात को चंदावली, मच्छगर, दयालपुर और अटाली में ट्रैफिक जाम लग रहता था। इस जाम से शहर के आम लोग परेशान रहते थे।

    2020 में तत्कालीन विधायक नयनपाल रावत ने विधानसभा में सरकार के समक्ष केजीपी पर आने-जाने में इन गांवाें में रात के समय लगने वाले घंटों जाम का मुद्दा उठाया। उन्होंने मोहना मार्ग को चौड़ा करने के लिए सरकार से मांग की थी।

    तब तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 71 करोड़ रुपये की लागत से चंदावली से लेकर केजीपी तक मोहना रोड को चार लेन बनाने की योजना बनवाकर मंजूरी दे दी।

    दिसंबर-2022 में हरियाणा राज्य सड़क एवं पुल निर्माण निगम(एचएसआरडीसी) ने चार लेन बनाने का काम शुरू कर दिया। निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य दो वर्ष तय किया गया था।

    इस तरह से यह दिसंबर-2024 तक बन जाना चाहिए था, पर अब 2025 के भी नौ महीने बीत चुके हैं, पर निर्माण कार्य पूरा होने की कोई आशा नजर नहीं आ रही।

    इन गांवों में यह हुआ काम

    • चंदावली में अभी बरसाती पानी की निकासी के लिए नाला बनाया जाना है, इसके लिए ग्रामीण अपने कब्जों को खुद हटा रहे हैं
    • मच्छगर में मार्ग तो चार लेन बन गया, यहां पर सेंट्रल वर्ज पर स्ट्रीट लाइट के लिए खंभे लगा दिए हैं, लेकिन अभी तक लाइट नहीं लगाई गई है
    • दयालपुर गांव में एक तरफ से आना और दूसरी तरफ जाने का मार्ग बनाया गया है। यहां पर ग्रामीणों ने अपने अवैध निर्माणों को खुद तोड़ दिया है

    अटाली गांव में अवैध निर्माण बने हैं बाधा, 1968 में हुई थी चूक

    मार्ग को चार लेन बनाने में सबसे बड़ी बाधा अटाली में बनी हुई है। यहां पर मार्ग को 1968 में बनाया गया था, तब इतनी आबादी नहीं होती थी और ग्रामीणों की भूमि में पर ही पीडब्ल्यूडी ने रोड बना दिया और जहां पर विभाग की भूमि है वहां पर ग्रामीणों ने मकान बना लिए।

    इसी भूमि पर 250 से अधिक बहुमंजिला मकान बने हैं। इन्हीं मकानों को ग्रामीण स्वयं तोड़ नहीं रहे और विभाग हिम्मत नहीं कर प रहा। गांव के सरपंच नभे सिंह का कहना है कि यह नाजुक विषय है। पहले जो गलतियां हुई हैं, उसे सुधारने में समय लगेगा। ग्रामीणो को समझाने की कोशिश की गई है।

    हां, यह जिम्मेदारी तो हमारी ही है, पर मैंने हाल ही में पदभार संभाला है। योजना से संबंधित दस्तावेजों की जांच करूंगा और वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में मामला लाया जाएगा।

    -सचिन सिरोहा, उपमहाप्रबंधक, हरियाणा राज्य सड़क एवं पुल निर्माण निगम

    शासन-प्रशासन को इस बाबत उचित कदम उठा कर हल निकलवाना चाहिए। यही हाल रहा तो योजना कभी सिरे चढ़ेगी ही नहीं।

    -नवल आर्य, व्यापारी

    सरकार को भूमि अधिग्रहण करनी चाहिए। इस मुद्दे को मैं विधानसभा में उठाऊंगा।

    -रघुबीर सिंह तेवतिया, विधायक पृथला

    योजना जल्द पूरी हो, इसके लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। यदि मौके पर पीडब्ल्यूडी की भूमि नहीं है और ग्रामीण अपने निर्माणों को नहीं हटाना चाहते हैं तो ग्रामीणों की भूमि को अधिग्रहण किया जाएगा।

    -मूलचंद शर्मा, पूर्व मंत्री एवं विधायक बल्लभगढ़

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