फरीदाबाद के काॅलेज और आईटीआई संस्थानों में दाखिले का आखिरी मौका, 30 सितंबर तक लें एडमिशन
फरीदाबाद में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए छात्रों के पास अब केवल चार दिन शेष हैं जिसकी अंतिम तिथि 30 सितंबर है। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने यह सुविधा उन छात्रों के लिए फिर से शुरू की है। निजी और सरकारी कॉलेजों में अभी भी कुछ सीटें खाली हैं। आईटीआई में भी प्रवेश की अंतिम तिथि 30 सितंबर है जहाँ 78-80 परसेंट सीटें पहले ही भर चुकी हैं।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। स्नातक के विभिन्न कोर्स में दाखिला के लिए छात्रों के पास सिर्फ चार दिन शेष रह गए हैं। छात्र मंगलवार तक दाखिला ले सकते हैं। इस संबंध में उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने सूचना जारी की है। छात्रों को अंतिम मौका देते हुए 30 सितंबर तक दाखिला के लिए पोर्टल को दोबारा खोला गया है।
दोबारा शुरू किया गया पोर्टल
यह सुविधा उन विद्यार्थियों के लिए है जो किसी कारणवश पहले आवेदन नहीं कर पाए थे या जिनके दाखिले समय पर पूरे नहीं हो पाए थे। व्हाट्सएप ग्रुप, फोन और अन्य माध्यम से विद्यार्थियों को पोर्टल खुलने के बारे में अवगत कराया जा रहा है, ताकि विद्यार्थी अंतिम अवसर का फायदा उठाकर दाखिला ले सकें। जिला के निजी और राजकीय काॅलेजों में अभी भी कुछ कोर्स में सीटें रिक्त बच गई हैं। काॅलेजों में दाखिला के लिए छात्र पहुंच रहे हैं, काॅलेज प्रबंधनों का कहना है कि जल्द रिक्त सीटें भी भर जाएंगी।
आईटीआई में भी दाखिला का अंतिम मौका
जिला के नौ राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में भी विद्यार्थियों को दाखिला के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। आईटीआई में दाखिला प्रक्रिया जून से शुरू हुई थी। अभी तक लगभग सभी आईटीआई में 78-80 प्रतिशत सीटों पर दाखिला हो चुके हैं। अंतिम तिथि तक उम्मीद है कि सभी सीटों पर दाखिला हो जाएंगे। आईटीआई में एक सितंबर से शैक्षणिक सत्र 2025 की शुरुआत हो चुकी है। नियमित रूप से कक्षाएं आयोजित हो रही हैं। दाखिला से संबंधित अधिक जानकारी के लिए छात्र पोर्टल और आईटीआई आकर प्राप्त कर सकते हैं।
जल्दी नजदीकी आईटीआई में पहुंचें
"जिन छात्रों ने अप्लाई किया था, लेकिन दाखिला नहीं ले सकें उनके पास मंगलवार तक का मौका है, आईटीआई में दाखिला ले सकते हैं। इसके बाद अंतिम तिथि बढ़ने की संभावना कम है, क्योंकि शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है। ऐसे में विद्यार्थी दाखिला के जल्दी नजदीकी आईटीआई में पहुंचें।"
-भगत सिंह, प्रधानाचार्य सह नोडल अधिकारी आईटीआई।
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