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    फरीदाबाद के ईएसआईसी हॉस्पिटल में दवा घोटाले की खुलेगी पोल, घोटालेबाजों के लिए बिछाया जाल

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 06:28 PM (IST)

    फरीदाबाद के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में दवा घोटाले की जांच अब स्थानीय स्तर पर भी होगी। कॉलेज के डीन डॉ. कालीदास चव्हाण ने बताया कि पिछले वर्षों के खरीद और वितरण रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। मुख्यालय की जांच में रिकॉर्ड में गड़बड़ी मिली है जिसके बाद डीन समेत पांच फार्मासिस्ट निलंबित किए गए थे। बेसमेंट में लावारिस दवाएं मिलने से संदेह और गहरा गया है।

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    अब स्थानीय स्तर पर भी शुरू हुई दवाओं के रिकार्ड की जांच

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मेडिकल काॅलेज व अस्पताल के स्टोर से गायब दवाओं के मामले में अब स्थानीय स्तर पर भी जांच की जाएगी। रिकाॅर्ड खंगाला जाएगा कि पिछले कई वर्षों में यहां कितनी राशि की खरीदारी हुई और कितने मरीजों को दवा दी गई। काॅलेज के नए डीन डाॅ. कालीदास चव्हाण ने इस बात की पुष्टि की।

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    रिकाॅर्ड में खासी गड़बड़ी

    बता दें कि काॅलेज व अस्पताल में उपकरणों और दवा की खरीद में अनियमितताओं की शिकायत के बाद ईएसआईसी मुख्यालय, राजधानी दिल्ली की ओर से पहले से ही जांच चल रही है। मुख्यालय की टीम की जांच में यह बात सामने आई कि स्टोर में उपलब्ध दवाओं और उनके रिकाॅर्ड में खासी गड़बड़ी है।

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    दवा की खरीद के अनुसार और मरीजों को दी गई दवा का रिकाॅर्ड मेल नहीं खा रहा था। गत दिवस इस मामले में काॅलेज के डीन डाॅ. एके पांडेय और पांच फार्मासिस्टों को निलंबित किया गया था। मुख्यालय की टीम ने गड़बड़ी संबंधी सारा रिकाॅर्ड कब्जे में ले लिया था। हाल ही में डाॅ. कालीदास चव्हाण ने काॅलेज के डीन के रूप में कार्यभार संभाला है।

    डीन ने बताया कि चिकित्सा अधीक्षक और सदस्य मिल कर अब दवा के पुराने रिकाॅर्ड की जांच कर रहे हैं। इससे पता चल सकेगा कि पहले तो कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।

    बेसमेंट में मिलीं दवाएं, उठे सवाल

    एक तरफ स्टोर से गायब दवाओं की जांच चल रही है। वहीं, अब इसी बीच कई प्रकार की दवाओं के कई पैकेेट लावारिस हालत में अस्पताल की बेसमेंट में मिले हैं। लावारिस हालत में इस तरह दवाओं के मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

    अब बेसमेंट में उपयाेग की गई दवा और कई महीने से अनुपलब्ध आयल के मिलने से यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में किसी कर्मचारी का किया धरा भी हो सकता है। किसी को परेशान करने के लिए पुरानी दवाओं का पैकेट बना कर रख दिया गया हो।

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