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    बच्चों के पेट में उठा दर्द तो पहुंचे अस्पताल, रिपोर्ट देख उड़े होश, 48 घंटे लंबी सर्जरी कर निकाले 16 चुंबक

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 03:15 PM (IST)

    फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में दो बच्चों को चुंबक निगलने के बाद भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि चुंबक आंतों और पेट की दीवारों में छेद कर चुके थे। डॉक्टरों ने 48 घंटे की सर्जरी के बाद चुंबकों को निकाला और बच्चों की जान बचाई। डॉक्टरों ने अभिभावकों को बच्चों के खिलौनों (Faridabad news) के चयन में सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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    डॉ. नितिन जैन एवं बच्चों की सर्जरी के बाद पेट से निकाले गए चुबंक। सौ. पीआरओ अस्पताल

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। छोटे बच्चों को घर में खेल-खिलौने देने में भी सावधानी बरतनी चाहिए। थोड़ी सी असावधानी या जागरूकता का अभाव अभिभावकों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है।

    ऐसा ही एक मामला आया अमृता अस्पताल में, जहां अभिभावक अपने दो ऐसे बच्चों को लेकर आए, जिन्होंने चुंबक निगल गए। गले के रास्ते अंदर चुंबक शरीर में पहुंचे और आपस में जुड़ गए। जिसने बाद में परेशानी खड़ी कर दी। अमृता अस्पताल के डाॅक्टरों ने 48 घंटे की कठिन सर्जरी के बाद इसे बाहर निकाला। तब जाकर बच्चों की जान बचाई जा सकी।

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    हितांशी की तबीयत बिगड़ गई

    अमृता अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डाॅ. नितिन जैन के अनुसार मथुरा के रहने वाले भाई-बहनों प्रज्ञान व हितांशी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी।

    बच्चों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत होने लगी तो अस्पताल ले जाया गया। जांच में सामने आया कि तीन वर्षीय प्रज्ञान की आंतों में दस चुंबक फंसे हैं, जो आपस में चिपककर आठ जगहों पर छेद कर चुके थे और ड्यूओडेनम (छोटी आंत का हिस्सा) को बुरी तरह नुकसान पहुंचा चुके थे।

    इस पर तुरंत सर्जरी की गई। इसके अगले ही दिन चार वर्षीय हितांशी को भी वैसी ही परेशानी हुई। जांच करने पर उसके पेट में भी छह चुंबक मिले, जिन्होंने पेट की दीवार में छेद कर दिया था। डाॅक्टरों ने तुरंत बड़ा ऑपरेशन कर उसे भी बचाया।

    खिलौने लेते समय बरतें सावधानी

    डाॅ. नितिन जैन ने बताया कि चुंबक पेट में चिपक जाते हैं और बीच का ऊतक नष्ट कर देते हैं। इससे खतरनाक इन्फेक्शन फैल सकता है। डाक्टरों ने सर्जरी के दौरान एडवांस सी आर्म फ्लोरोस्कोपी मशीन का इस्तेमाल किया।

    इससे ऑपरेशन के समय रियल-टाइम एक्स-रे मिलते रहे। इलाज के बाद अब दोनों बच्चे ठीक होकर घर लौट चुके हैं। डाॅक्टरों ने कहा कि सभी खिलौने बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं।

    यदि आपने बच्चे को कोई खिलौना खेलने के लिए दिया है तो उसे चेक करें कहीं से टूटा या कोई पार्ट निकला तो नहीं है। 

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