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    आरटीई नियम तोड़ने वाले 124 प्राइवेट स्कूलों का एमआईएस पोर्टल बंद, 25% सीटों की नहीं दी जानकारी

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 05:28 PM (IST)

    फरीदाबाद में शिक्षा निदेशालय ने आरटीई के तहत 25% सीटों की जानकारी न देने वाले 124 प्राइवेट स्कूलों का एमआईएस पोर्टल बंद कर दिया है। इन स्कूलों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। दाखिला प्रक्रिया में देरी के कारण छात्रों को परेशानी हो रही है। निदेशालय स्कूलों पर सख्ती बरत रहा है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को शिक्षा का अधिकार मिल सके।

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    सीटों की जानकारी नहीं देने वाले 124 स्कूलों का एमआइएस पोर्टल हुआ बंद

    निभा रजक, फरीदाबाद। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत 25 प्रतिशत सीटों की जानकारी नहीं देने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ शिक्षा निदेशालय ने कार्रवाई की है। बल्लभगढ़ और फरीदाबाद ब्लाॅक के ऐसे 124 प्राइवेट स्कूलों का एमआईएस (प्रबंधन सूचना प्रणाली) पोर्टल बंद कर दिया गया है। इन पर जुर्माना लगाने की भी तैयारी है। निदेशालय और स्कूलों के बीच हो रही खींचतान के कारण बच्चों को नुकसान हो रहा है। शैक्षणिक सत्र के छह महीने बीत जाने के बाद भी बच्चों के दाखिले नहीं हो पा रहे हैं।

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    दाखिला प्रकिया देरी से शुरू

    आरटीई के तहत दाखिला प्रक्रिया अप्रैल से शुरू हुई थी। इससे पहले निदेशालय की ओर से सभी प्राइवेट स्कूलों से आरटीई के तहत आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों की जानकारी मांगी गई थी। मगर ज्यादातर स्कूलों ने निदेशालय के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया। इस कारण दाखिला प्रकिया देरी से शुरू हुई।

    दाखिला लेने में आनाकानी कर रहे

    बता दें कि शहर में एक हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल वर्तमान में संचालित हो रहे हैं। इनमें से 124 ऐसे स्कूल हैं जिन्होंने आज तक सीटों की जानकारी साझा नहीं की है। निदेशालय ने सख्ती बरतते हुए इन स्कूलों का एमआईएस पोर्टल बंद कर दिया गया है। वहीं, कई स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने निदेशालय के डर से सीटों की जानकारी तो दे दी, लेकिन दाखिला लेने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे स्कूलों पर भी निदेशालय की नजर है। बताया जा रहा है कि ऐसे स्कूलों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

    शिक्षा का अधिकार का यह है नियम

    प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा का अधिकार के तहत 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होती हैं। योजना के तहत विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूलों में निश्शुल्क शिक्षा दी जाती है। ऐसे विद्यार्थियों की फीस का भुगतान सरकार की ओर से की जाती है। लेकिन कई प्राइवेट स्कूल मनमानी करते हुए दाखिला नहीं दे रहेे हैं। ऐसे स्कूलों से निदेशालय सख्ती से निपट रहा है।

    बच्चों को दाखिला मिल सके

    "जिन प्राइवेट स्कूलों ने आरटीई के तहत सीटों की जानकारी नहीं दी तथा जिन्होंने बच्चों को दाखिला नहीं दिया है। निदेशालय के आदेशानुसार उनकी सूची बनाकर भेज दी गई है। निदेशालय की ओर से ही कार्रवाई की जा रही है। शिक्षा विभाग की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि बच्चों को दाखिला मिल सके।"

    -नरेश कुमार, जिला समन्वयक, आरटीई।

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